नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का चुनाव सबसे रोचक दौर में पहुंच गया है। सूबे की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव की ताजपोशी कर दी है। उसके तुरंत बाद समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के बीच संभावित महागठबंधन की तैयारियां भी शुरु हो गई हैं। इस बीच बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी की मान्यता खारिज करने और उसका चुनाव चिन्ह हाथ जब्त करने का अनुरोध करते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
बीजेपी का आरोप है कि राहुल गांधी ने 11 जनवरी को कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित जनवेदना सम्मेलन के दौरान वोटरों को धार्मिक प्रतीकों के आधार पर बरगलाने की कोशिश की। ये सीधे सीधे चुनाव आयोग के निर्देशों और हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले का उल्लंघन है। पार्टी ने राहुल गांधी के भाषण की वीडियो सीडी भी चुनाव आयोग को सौंपी है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, मुख्तार अब्बास नकवी और वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शिकायत करने के लिए चुनाव आयोग के दरवाजे पहुंचा। अपनी सात पन्नों की शिकायत में राहुल गांधी पर लंबे चौड़े आरोप लगाए गए। राहुल गांधी की 11 जनवरी को जन वेदना सम्मेलन के दौरान दिए गए भाषण की वीडियो सीडी भी सौंपी।
इस भाषण में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी सौ साल पुरानी है। एक दिन वो भगवान शिव की फोटो देख रहे थे, उसमें कांग्रेस पार्टी का चिन्ह दिखाई दिया। फिर गुरुनानक, भगवान बुद्ध, महावीर और हजरत अली की फोटो देखी, तो उन सभी में कांग्रेस का चिन्ह देखा। बीजेपी का आरोप है कि राहुल गांधी का ये बयान वोटरों को धार्मिक आधार पर बरगलाने की कोशिश है। चुनावी आचार संहिता लगी हुई है, और ऐसे समय में इस तरह का बयान देना पूरी तरह से गैर-कानूनी है।
दो जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले का हवाला देते हुए बीजेपी ने कहा है कि उस फैसले में कहा गया था कि कोई भी राजनीतिक दल धर्म-जाति के आधार पर वोटर को प्रभावित नहीं कर सकता। राहुल गांधी का ये बयान इस फैसले का भी उल्लंघन करता है। इसके अलावा चुनावी आचार संहिता का भी खुलेआम उल्लंघन है।
बीजेपी का आरोप है कि राहुल गांधी ने अपने बयान के जरिए लोगों के बीच ये भ्रम फैलाने की कोशिश की है कि भगवान शिव, बुद्ध, महावीर, गुरु नानक और इस्लाम से जुड़ी तस्वीरों में कांग्रेस पार्टी का चुनाव निशान यानी हाथ का चिन्ह दिखाई देता है। कांग्रेस पार्टी ने भी अब तक राहुल गांधी के बयान से खुद को अलग नहीं किया है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी इसमें शामिल दिखाई देती है। बीजेपी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि कांग्रेस पार्टी को मिली राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता को तत्काल खारिज किया जाए और उसका चुनाव निशान यानी हाथ का चिन्ह जब्त किया जाए।