लखनऊ: अखिलेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री आजम खां ने सपा परिवार में सुलह की कोशिशें परवान न चढ़ पाने के बावजूद उम्मीद नहीं छोड़ी है। उनका कहना है कि धुंध तो है, पर अभी अंधेरा नहीं हुआ है। समझौते की सारी कोशिशें टूटने के बाद भी अभी उम्मीद हैं। सोमवार को मीडिया से बातचीत में आजम खां ने यह बात कही। अखिलेश को CM उम्मीदवार होने के बामुलायम के बयान के बाद लगता है आज़म खान की कोशिशें रंग ला रही हैं ।

आजम खां ने कहा कि पार्टी के लोग बयानबाजी से गुरेज करें और जनता के बीच अपनी छवि बेहतर बना कर रखें। सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर उन्होंनें कहा कि अब फैसला आयोग के पाले में है, देखते हैं किसे क्या मिलता है। आजम खां ने कहा कि सियासत में सिर गिने जाते हैं, पर उसूलों पर कम ही लोग चल पाते हैं।

आजम खान ने कहा कि मैंने हमेशा पुल का काम किया है। सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। रिश्तों में और खटास ना आ पाए। इन सबमें मुसलमानों का हाल तो सबसे बुरा है। यह वर्ग बात से डरा है कि कहीं इससे फायदा भाजपा जैसी फासिस्ट ताकतों को ना हो जाए।

मुलायम की ओर से CM पद का उम्मीदवार बनाये जाने की अफवाहों के सवाल पर आज़म ने कहा कि मेरी जानकारी में तो ऐसी कोई बात नहीं आई है लेकिन ऐसा अगर है तो क्या गलत है। आज़म ने आगे कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनने की कोई ख्वाहिश नहीं , बनना ही है तो बादशाह बनो और क्यों न ख्वाहिश करूं इसमें क्या ग़लत है ।