चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत पर सवाल उठे हैं। मद्रास हाई क्रोट के जज जस्टिस वैद्यलिंगम ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि मीडिया में कुछ जगह इसे लेकर संदेह जताया गया है और निजी रूप से मुझे भी इसपर संदेह है। हाई कोर्ट के जज ने कहा कि जयललिता के शव को हम कब्र से क्यों नहीं निकाल सकते? जज ने इसे लेकर पीएम, केंद्रीय मंत्रालयों और अपोलो अस्पताल को नोटिस भेजा है।

जस्टिस वैद्यलिंगम एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें पूर्व सीएम जयललिता की मौत की जांच की मांग की गई है। जस्टिस वैद्यलिंगम ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जब जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था वह ठीकठाक डाइट ले रही थीं। कम से कम उनकी मौत के बाद तो सच सामने आना ही चाहिए।

इस मामले में सुनवाई को 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह याचिका एआईएडीएमके के काडर जोसफ की तरफ से दायर की गई है। तमिलनाडु की राजनीति में अम्मा के नाम से मशहूर और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का दिसंबर के पहले हफ्ते में निधन हो गया था। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। हालत नाजुक होने के चलते उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट यानी सीसीयू में रखा गया था। जयललिता 75 दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं।