इन्फोसिस साईंस फाउंडेशन (आईएसएफ) ने इस साल इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर साईंस, ह्यूमनिटीज़, लाईफ साईंसेस, मैथमैटिकल साईंस, फिज़िकल साईंस एवं सोषल साईंस की श्रेणियों में इन्फोसिस पुरस्कार 2016 के विजेताओं की घोषणा की । हर श्रेणी के लिए पुरस्कारों में 65 लाख रु. नकद, 22 कैरट का स्वर्ण पदक तथा एक प्रमाणपत्र शामिल है।

इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर साईंस
प्रो. वी. कुमारन, प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साईंस (आईआईएससी), बैंगलोर, जिन्हें सॉफ्ट वॉल्ड ट्यूब्स एवं चैनल्स में कॉम्प्लेक्स फ्लुड तथा कॉम्प्लेक्स फ्लो, खासकर ट्रांज़िशन और टर्बुलेंस में उनके कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। कॉर्डियोवैस्कुलर तथा पल्मोनरी हेल्थ में उनके कार्य की बहुत उपयोगिता है। कुमारन के कार्य में उच्च क्वालिटी की एप्लाईड मैथमैटिक्स और सैद्धांतिक फिज़िक्स के साथ रचनात्मक प्रयोग एवं साईमुलेशन शामिल है। उन्होंने प्वाईंट-ऑफ-केयर डायग्नोसिस के लिए लैब-ऑन-ए-चिप डिवाईसेस के लिए इनोवेटिव तकनीक का विकास किया है।

ह्यूमनिटीज़

प्रो. सुनील अमृत, साउथ एषियन स्टडीज़ के मेहरा फैमिली प्रोफेसर, इतिहास के प्रोफेसर, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका को माईग्रेशन, पर्यावरण के इतिहास, और अंतरराष्ट्रीय पब्लिक हेल्थ के इतिहास तथा सामयिक एशिया के आपस में जुड़े हुए अतीत पर उनके फील्ड-चेंजिंग शोध के लिए सम्मानित किया गया।

लाईफ साईंसेस

डॉ. गगनदीप कांग, एक्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर ऑफ ट्रांसलेशनल हेल्थ साईंस एवं टेक्नॉलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई), फरीदाबाद को रोटावाईरस एवं अन्य संक्रामक बीमारियों, जो भारत एवं विष्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, के प्राकृतिक इतिहास को समझने के लिए उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उनके अवलोकनों में इन संक्रमणों को रोकने के लिए दवाईयों एवं जनस्वास्थ्य के अन्य कदमों के लिए जबरदस्त परिणाम शामिल हैं।

मैथमैटिकल साईंसेस

प्रो. अक्षय वेंकटेश, प्रोफेसर, मैथमैटिकल विभाग, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका को आधुनिक अंक सिद्धांत में उनके विलक्षण, व्यापक, आधारभूत एवं रचनात्मक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। अंक सिद्धांत में ठोस समस्याओं का समाधान करने और मैथमैटिक्स की आवश्यक संगठनात्मकता को प्रमाणित करने वाली नई घटना को खोजने के लिए अक्षय में विश्लेषणात्मक अंक सिद्धांत, इर्गोडिक सिद्वांत, होमोटोपी सिद्धांत से ली गई व्यापक तकनीकों का प्रयोग करने की अद्वितीय सामर्थ्य है।

फिज़िकल साईंस

डॉ. अनिल भारद्वाज, डायरेक्टर, स्पेस फिज़िक्स लैबोरेटरी, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर, तिरुअनंतपुरम ने लखनऊ विश्वविद्यालय (1987) से फिज़िक्स में एमएससी की डिग्री प्राप्त की और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (2002) में आउटर प्लेनेट्स एवं कॉमेट्स पर औरोरा तथा एयरग्लो प्रक्रियाओं के अध्ययन पर पीएचडी की। उन्हें प्लेनेटरी साईंस एवं एक्सप्लोरेशन, जिसमें प्लेनेटरी एक्स-रे की उत्पत्ति एवं प्रकृति की पहचान एवं निर्धारण शामिल है, में अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित किया गया। चंद्रयान-1 तथा मार्स ऑर्बिटल मिशन में उनके प्रयोग चंद्रमा की सतह के साथ सोलर विंड इंटरेक्षंस के नए परिणामों का खुलासा करते हैं और मार्शियन वातावरण में थर्मल इस्केप को समझने के लिए महत्वपूर्ण सूत्र प्रदान करते हैं।

सोशल साईंस

प्रो. कैवान मुंशी, फ्रैंक रामसे प्रोफेसर ऑफ इकॉनॉमिक्स, फैकल्टी ऑफ इकॉनॉमिक्स, कैम्ब्रिज विष्वविद्यालय, यूके को आर्थिक विकास की प्रक्रिया में समुदायों, जैसे एथनिक समूहों और जातियों में बहुआयामी भूमिकाओं के गहन और अभूतपूर्व विष्लेशण के लिए सम्मानित किया गया।