नई दिल्ली: केन्द्र सरकार नोटबंदी के बाद कैशलैस ट्रांजेक्शनों को बढ़ावा देने के लिए चेक बाउंस से संबंधित कानून में बदलाव कर सकती है। सरकार ऐसे मामलों में चेक जारी करने वाले शख्स को जल्द से जल्द सजा और सख्त सजा का प्रवाधान कर सकती है।
बजट से पहले व्यापारियों के एक डेलिगेशन ने वित्त मंत्री से मुलाकात की। इस डेलिगेशन ने वित्तमंत्री से अनुरोध किया कि वह नोटबंदी के बाद उनके बिजनेस को ठीक करने के लिए जरूर कदम उठाए। टेडर ने बताया कि वह ग्राहक से चेक लेने से डरते हैं क्योंकि उन्हें चेक बाउंस का डर लगा रहता है। उन्होंने कहा कि चेक बाउंस को लेकर कठोर कानून होना चाहिए ताकि लोग बेवजह चेक जारी ना करें। व्यापारियों को भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता है लेकिन आठ नवंबर को पीएम मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद से यह वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
पीएम मोदी द्वारा देशवासियों से नोटबंदी के बाद मांगे गए 50 दिन भी पूरे होने वाले है लेकिन इसके बावजूद कैश की कमी बनी हुई है। व्यापारी बैंक चेक लेने के लिए तैयार है लेकिन वह इसके लिए ज्यादा आश्वसत होना चाहता है।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, टेडर एसोसिएशन ने सरकार को सुझाव दिया है कि चेक बाउंस के मामले में एक महीने सजा मिल जानी चाहिए। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हुआ है कि सरकार इस सुझाव पर विचार कर रही है कि नहीं लेकिन सरकार चेक बाउंस के मामलों में दी जानी वाली सजा को सख्त कर सकती है। इसके लिए बजट सत्र में सरकार विधेयक पेश भी कर सकती है।
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