नई दिल्ली: जहां एक तरफ़ केंद्र सरकार नोटबंदी के फ़ैसले पर खुद की पीठ थपथपा रही है. इसे देश के हित में उठाया गया कदम बता रही है वहीं दूसरी तरफ़ यूपी सरकार ने पहली बार नोटबंदी के बाद हुई मौतों को एक अलग पहचान देते हुए ऐसे 14 परिवारों को 2-2 लाख का मुआवाज़ा दिया है जिनके परिवार का सदस्य नोटबंदी के बाद बैंकों से पैसा निकालने के लिए कतार में लगा और तमाम और वजहों के साथ-साथ घंटों कतार में लगने से उनकी मौत हो गई.

अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी लगातार नोटबंदी के सरकार के फ़ैसले को अपने निशाने पर लेते रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने मौतों की वजह नोटबंदी मानते हुए मुआवज़े का एलान किया है. गौर करने वाली बात ये है कि अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं ऐसे में नोटबंदी का मुद्दा सभी राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ा चुनावी मुद्दा होने जा रहा है.

यूपी सीएम ने कहा, "शुरुआत में नोटबंदी लेकर लोगों में उत्साह था लेकिन अब लेकिन अब वही लोग कह रहे हैं कि यह सबसे बड़ी मुसीबत है. चुनाव आने वाले हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि परेशान लोग ऐसी सरकार को सबक सिखाएंगे."

अखिलेश यादव ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब बीजेपी की एक माह से चल रही परिवर्तन यात्रा का समापन लखनऊ में हो गया. प्रधानमंत्री मोदी खुद उत्तर प्रदेश में लगातार रैलियां कर रहे हैं और नोटबंदी के लाभ गिनाकर बीजेपी के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं.