रुद्रपुर। उद्यमी एटीट्युड बदलकर जीवन बदलते है और रोजगार का सृजन करतें है । इनोवेशन की चमक और क्रियेटिविटी के प्रति दिलचस्पी सफलता दिलाती है । उद्यमियों एवं स्टार्टअप कमपनियों की मदद के लिए नवगठित भारतीय उद्यम विकास सेवावों (आईईडीएस) का गठन मिल का पत्थर सिद्ध होगा । युद्योगों के विकास के लिए समग्र रूप से सोचने की आवश्यकत है सरकार स्टार्टअप कमपनियों के विकास के हर संभव मदद का प्रयास कर रही है ।

उक्त बातें दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र, सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय और एन एन जे आई टी आई के संयुक्त तत्वाधान आयोजित तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, सेबी और बीएसई आईपीएफ द्वारा वित्त पोषित एक सप्ताह की राष्ट्रिय कार्यशाला कौशल विकास और रोजगार सृजन के तीसरे दिन पीआईएम्आर मध्य प्रदेश की डॉ रंजना पटेल ने कही । उन्होंने आगे कहा की जो आइडिया को जमीन पर उतारकर क्रियान्वयन करता है वही समाज को बदलता है । उद्यमशीलता मंत्रालय उद्यमियों के लिए बाहें पसार कर खड़ा है । महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि महिला सशक्त तभी होगी जब वह आर्थिक रूप से सशक्त व अपने निर्णय स्वयं करें । सूचनाओं के आभाव में हम योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं कर पा रहें है ।

दुसरे सत्र में रामजस कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ सुमनजीत ने चलेंजेज एंड बिज़नस स्ट्रेटजी फॉर डॉट काम स्टार्टअप पर बोलते हुए कहा की तकनिकी नवाचार ने संभावनाओं का द्वार खोल दिया है। कमिटमेंट करें, फैसला करें की मुझे खुद को बदलना है समय के साथ चलना है तो आप समाज के रोलमोडल बनेगे । डॉट काम स्टार्टअप आपके आइडिया को जमीन पर उतारकर क्रन्तिकारी बदलाव लायेगा । डिजिटल लेनदेन के लिए अभी बुनियादी ढांचा कमजोर है लेकिन कोशिश की जाय तो संभव है । कभी-कभी मजबूरी में इंसान ज्यादा प्रयास करता है जो वर्तमान में हो रहा है । सबका हित डिजिटल होनें में है जो समय की मांग है ।
सेबी के रिसोर्स पर्सन और कौशल केंद्र के सहायक आचार्य डॉ हरनाम सिंह वित्तीय जागरूकता से वित्तीय सशक्तिकरण विषय पर बोलते हुए कहा की आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए भारत की आकांक्षाएं उभर रही है । लेसकैश सोसायटी ऐसी चुनौती है जिसका स्वागत हमें स्वर्णिम भविष्य के लिए करना होगा । डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण समय की मांग है डब्बा ट्रेडिंग से तौबा करते हुए कभी गैर –पंजीकृत मध्यस्थ व्यक्तियों या संस्थाओं से कोई व्यवहार न करें । कम समय में ज्यादा का फायदा का लालच करने वाले ही धोखा खातें है । किसी भी इन्वेस्टमेंट स्कीम में अपने पैसे इन्वेस्ट करने से पहले जांच कर लेना चाहिए । भारत का शेयर बाजार क्विज के माध्यम से प्रतिभागियों को वित्तीय जागरूकता का सन्देश दिया ।
कार्यशाला के दुसरे सत्र में पन्तनगर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर प्रभाशंकर शुक्ल ने एग्रीब्रान्डिंग मनेजमेंट और रोजगार सृजन पर बोलते हुए कहा की कृषि शिक्षा प्रशिक्षण से उन्नत कृषि और रोजगार में सर्वाधिक संख्यां समाहित करनें की शक्ति है । कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु है जिसके साथ कई चुनौतियाँ जुडी हुई है इसलिए जरुरी है की किसान की अगली पीढ़ी आधुनिक तकनिकी के साथ योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रशिक्षित हो । किसानों के परिश्रम और सरकार के प्रयासों से सुखद परिणाम संभव है आवश्यकता है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पारदर्शी क्रियान्वयन की जो ग्रामीण भारत के लिए सुरक्षा कवच सिद्ध होगी ।

पतलोट राजकीय डिग्री कालेज के प्राचार्य प्रो एम् सी पाण्डेय ने पहाड़ी क्षेत्र में रोजगार के लिए आवश्यक कौशल पर जोर देते हुए कहा की एड्वेंचेर – पर्यटन –प्राकृतिक खेती सहित पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार की आसिम संभावनाएं है । पहाडी क्षेत्रों की अवसरों का समुचित उपयोग का पहाड़ के पलायन को रोका जा सकता है ऐसी योजनाओं पर कार्य करे जो मार्केट और ग्राहक को कुछ नया दे रही हो । सभी के पास अपनी खूबी अपना टैलेंट होता है, सही टीम तैयार करना केवल चुनौती है जो आपके वीजन से सहमती रखतें है । टीम स्प्रिट ही पहाडी क्षत्रों में सफल रोजगार सृजन का माध्यम है ।

आयोजन सचिव डॉ विनोद कुमार ने कार्यशाला संचालन करते हुए कहा की कामयाबी विजन पर निर्भर होती है । अपने आइडिया पर विश्वास कर स्वयं को विकसीत करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहें और अपना सपोर्ट सिस्टम बनाने की कोशिश करें । कार्यशाला में निदेशक डॉ योगेश कुमार शर्मा, डॉ प्रवीण जैन , डॉ गिरिजाशंकर यादव, डॉ हरिश्चंद्र, ई. आकांक्षा गुप्ता, अमित कुमार सिंह, डॉ संतोष अनल, रूद्र देव, वेद विश्वकर्मा, हितेश जोशी, मंजू पाण्डेय, प्रियंका सहित सभी शिक्षक और कौशल केंद्र तथा एन एन जे आई टी आई के प्रतिभागी उपस्थित रहें ।