नई दिल्ली: सद्दाम हुसैन ने कहा था कि अमेरिका इराक में विफल होगा. इराक पर शासन करना इतना आसान नहीं है.अमेरिका इराक की भाषा को नहीं समझता है, इसके इतिहास के बारे में नहीं जानता है. इराक के इतिहास को जाने बिना इस पर शासन करना इतना आसान नहीं है. यह खुलासे अमेरिका के सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के एजेंट जॉन निक्सन ने अपनी किताब में किया है.

जॉन निक्सन ने इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को लेकर कई खुलासे अपनी पुस्तक में किए हैं. जॉन निक्सन वह खुफिया एजेंट थे जिन्होंने सद्दाम हुसैन की गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ की थी. उनकी किताब के कुछ अंशों को इंग्लैंड के 'डेली मेल' ने अपने ऑनलाइन एडिशन में जगह दी है.

जॉन निक्सन ने लिखा है कि सद्दाम हुसैन ने कहा था कि अमेरिका इराक में विफल होगा. इराक में शासन करना इतना आसान नहीं है.अमेरिका इराक की भाषा को नहीं समझता है, इसके इतिहास के बारे में नहीं जानता है. इराक के इतिहास को जाने बिना इस पर शासन करना इतना आसान नहीं है. निक्सन ने लिखा है कि इतिहास ने सद्दाम हुसैन को सही साबित किया है. निक्सन ने लिखा है कि जब उसने सद्दाम हुसैन से उनकी बेटी के बारे में पूछा तो सद्दाम हुसैन ज्यादा भावुक हो गए. उनकी आंखों में आंसू थे. वह कांपते हुए बोले कि वह अपनी बेटियों से बहुत ज्यादा प्यार करते थे और बेटियां भी उन्हें बहुत प्यार करती थीं. वह उनकी कमी बहुत महसूस कर रहे हैं.

निक्सन ने अपनी किताब में लिखा है कि दिसंबर 2013 में आठ हफ्ते के लिए वह इराक गए थे. अमेरिका की एजेंसी सद्दाम हुसैन को ढूंढने में जुटी थी, जिंदा या मुर्दा पकड़ना चाहती थी. तिकरित में जमीन के नीचे बने मकान से एक लंबा दाढ़ी वाला आदमी पकड़ा गया.अमेरिका के सीनियर खुफिया अफसरों ने जॉन निक्सन से सद्दाम हुसैन के बारे में जानकारी मांगी. उसकी पहचान को लेकर निक्सन से कई सवाल पूछे. निक्सन ने सद्दाम हुसैन की पहचान के लिए कई वीडियो एवं जानकारियां एकत्रित की थीं. निक्सन ने बताया था कि सद्दाम हुसैन के दाहिने हाथ और कलाई में ट्राइबल टैटू है और उसके बाएं पैर में गोली लगने का निशान है.

सेंट्रल खुफिया एजेंसी के मन में कई सवाल खड़े हो रहे थे. सबसे बड़ा सवाल था कि जो आदमी पकड़ा गया है वह असली सद्दाम हुसैन है या नहीं ? सद्दाम हुसैन का प्रतिरूप भी हो सकता है. खुफिया एजेंसी को धोखा देने के लिए सद्दाम हुसैन ने अपने कई प्रतिरूप बनाए थे. पकड़ा गया आदमी सद्दाम हुसैन है या नहीं इसकी पुष्टि करने के लिए जॉन निक्सन पहुंचे. जब निक्सन सद्दाम हुसैन से पूछताछ के लिए मिले तब वह एक लोहे की चेयर पर बैठ हुआ था. सद्दाम हुसैन 6 फीट से ज्यादा लंबा था.

जॉन निक्सन ने सद्दाम हुसैन से कुछ सवाल पूछे. निक्सन का पहला सवाल था कि सद्दाम ने अपने बेटे को आखिर बार कब जिंदा देखा था. निक्सन को लगा था कि पकड़े जाने के बाद सद्दाम नरमी से जवाब देंगे लेकिन उन्होंने गुस्से में सवाल किए “तुम लोग कौन हो, क्या तुम मिलिट्री इंटेलिजेंस हो? सिविलयन इंटेलिजेंस हो? जवाब दो,अपनी पहचान कराओ.” निक्सन ने लिखा है कि वह सद्दाम के हाथ में ट्राइबल टैटू और पैर पर बुलेट का दाग देखना चाहते थे. अमेरिका की खुफिया टीम सद्दाम हुसैन से बहुत कुछ जानना चाहती थी. जानना था कि बगदाद से वह कैसे भागा, उसे भगाने में किसने मदद की. सद्दाम हुसैन चिल्लाते हुए बोला “तुम लोग राजनीति के बारे में क्यों नहीं पूछते हो, मुझे से बहुत कुछ सीख सकते हो.” फिर उसने अपने बाएं पैर पर लगी चोट का निशान दिखाया. यह देखते ही जॉन निक्सन ने सद्दाम से पूछा कि क्या यह गोली का जख्म है. सद्दाम हुसैन ने हां में जवाब दिया. निक्सन तब पूरी तरह आश्वस्त हो गए कि यह आदमी असली सद्दाम हुसैन है.

अमेरिका सद्दाम हुसैन से सामूहिक विनाश हथियार के बारे में जानना चाहता था. सद्दाम को पकड़ना अमेरिका खुफिया एजेंसी के लिए बहुत बड़ी सफलता थी. सद्दाम हुसैन से इस हथियार के बारे में सवाल पूछा गया. सद्दाम हुसैन ने जवाब दिया कि “आपको एक विश्वासघाती मिल गया जिसने आपको सद्दाम हुसैन के पास पहुंचा दिया. क्या और कोई विश्वासघाती नहीं है जो आपको सामूहिक विनाश हथियार के बारे में बता सके.''

सद्दाम हुसैन ने खुफिया एजेंट ने कहा “अमेरिकी अज्ञात गुंडे हैं जो इराक के बारे में कुछ नहीं जानते हैं लेकिन फिर भी इराक को नष्ट करने में लगे हुए हैं.” उसने कहा कि इराक आतंकवादी राष्ट्र नहीं है. ओसामा बिन लादेन के साथ इराक का कोई रिश्ता नहीं है और न ही पड़ोसी राष्ट्र के लिए इराक की तरफ से कोई खतरा है, लेकिन फिर भी अमेरिका के राष्ट्रपति यह सोच रहे हैं कि इराक आक्रमण करना चाहता है और इराक के पास सामूहिक विनाश के हथियार हैं.

अमेरिका के खुफिया एजेंट ने सद्दाम हुसैन से पूछा कि सउदी अरब में क्या इराक ने कभी अमेरिका के खिलाफ सामूहिक विनाश के हथियार का इस्तेमाल करने का सोचा था? सद्दाम ने जवाब दिया “इराक ने इस हथियार का इस्तेमाल करने का कभी नहीं सोचा था, न इसके बारे में कभी चर्चा हुई थी. पूरी क्षमता वाला ऐसा कोई देश है क्या जो इसका इस्तेमाल करना चाहता है? हम यह सब उम्मीद नहीं कर रहे थे, अमेरिका गलत था. सबसे बड़ी समस्या यह थी कि हम एक-दूसरे को सुनना नहीं चाहते थे? क्या वह (जॉर्ज बुश) हमारे साथ खेल रहे थे. अपने घमंड की वजह से सच्चाई को छिपा रहे थे.”

जॉन निक्सन ने ईरान-इराक युद्ध के दौरान इराक की तरफ से इस्तेमाल हुए रासायनिक अस्त्र के बारे में सवाल पूछे. सद्दाम हुसैन गुस्से में बोला “मैं तुम्हारे राष्ट्रपति से नहीं डरता हूं, मेरे देश को बचाने के लिए मुझे जो करना है मैं वह करूंगा.” सद्दाम ने उपहास करते हुए कहा कि ईरान के खिलाफ रासायनिक अस्त्र का इस्तेमाल उनका निर्णय नहीं था.

जॉन निक्सन ने अपनी किताब में लिखा है कि अपने शासन के आखिरी दौर में सद्दाम हुसैन को पता नहीं था कि इराक में क्या हो रहा था. उनको यह भी पता नहीं था कि उनकी सरकार क्या कर रही है. इराक को बचाने के लिए उनके पास कोई सही योजना नहीं थी. जॉन निक्सन ने लिखा है कि सद्दाम 9/11 हमले में खुद को दोषी नहीं मानता था. उसका कहना था कि इस आतंकवादी हमले के पीछे उसका दिमाग नहीं था. इस हमले में जो शामिल था वह इजिप्ट का नागरिक था सउदी अरब का नहीं. निक्सन ने लिखा है कि सद्दाम विश्वास करता था कि 9/11 के हमले के बाद इराक और अमेरिका एक-दूसरे के करीब आएंगे और रूढ़िवादी तत्वों के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे.