जौनपुर: कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने यूपी के जौनपुर में रैली में पीएम मोदी और नोटबंदी पर निशाना साधा. राहुल ने कहा, 'भ्रष्‍टाचार के खिलाफ किसी भी कदम का सरकार का साथ देंगे. लेकिन आठ नवंबर का फैसला न भ्रष्‍टाचार के खिलाफ न काले धन के. नोटबंदी का फैसला गरीबों, मजदूरों और किसानों के खिलाफ है. सरकार ने बिना पूछे गरीबों का खून निकाल दिया है. यह फैसला देश की 99 प्रतिशत जनता के खिलाफ है. मोदी सरकार पिछले ढाई सालों से गरीबों के खिलाफ काम कर रही है. मैं खुद किसानों की मांग लेकर पीएम से मिला. मैंने पीएम से कहा कि किसानों ने आपसे तीन चीजें मांगी हैं.

राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने किसानों का कर्जा माफ करने का मसला उठाया. प्रधानमंत्री इस पर एक भी शब्‍द नहीं बोले. पीएम ने मनरेगा का मजाक उड़ाया. एक तरफ देश के 99 प्रतिशत लोगों का प्रधानमंत्री मजाक उड़ाते हैं वहीं दूसरी तरफ 50 परिवार हैं. देश के 50 परिवारों के पास सबसे ज्‍यादा धन है.' उन्‍होंने कहा कि सारा कैश काला धन नहीं है, सारा काला धन कैश में नहीं है. मतलब किसान जब कैश से बीज खरीदता है, जब मजदूर को कैश में मजदूरी मिलती है, जब मध्‍यम वर्ग मिठाई खरीदने के लिए पैसा निकालता है तो वह काला धन नहीं है.

सभी काला धन कैश में नहीं है. हिंदुस्‍तान के जो चोर हैं, वे होशियार हैं. हिंदुस्‍तान के चोर कंजूस हैं. जैसे ही इनको पैसा मिलता है तो ये और पैसा कमाना चाहते हैं. ये अपने पैसे को रियल एस्‍टेट, सोने और विदेशी अकाउंटों में रखते हैं. आंकड़ों के मुताबिक केवल 6 प्रतिशत काला धन कैश में है और 94 प्रतिशत काला धन रियल एस्‍टेट, जमीन और सोने में लगा है.

राहुल गांधी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी को मालूम है कि ज्‍यादा से धन काला धन एक प्रतिशत लोगों के पास है. 50 परिवारों के पास है. एक प्रतिशत लोगों के पास है. मोदी ने काला धन आने पर हरेक के अकाउंट में 15 लाख डालने का चुनावी वादा किया था. स्विट्जरलैंड ने ऐसे लोगों की सूची भारत को सौंपी लेकिन सरकार उस लिस्‍ट को लेकर बैठी है. आखिर उसको सार्वजनिक क्‍यों नहीं किया जा रहा है.'

विजय माल्‍या के लंदन भाग जाने के मुद्दे पर राहुल ने कहा, 'विजय माल्‍या लंदन में क्‍यों बैठा है और ललित मोदी लंदन में क्‍यों बैठा है. जनता हिसाब मांग रही है कि सरकार माल्‍या को वापस क्‍यों नहीं ला रही. 12 करोड़ रुपये की टॉफी माल्‍या के मुंह में दे दी गई. आखिर मोदी के टीवी विज्ञापनों, पोस्‍टरों, इश्‍तहार का खर्च कहां से आता है, क्‍या आम गरीब जनता इसके लिए पैसा देती है. ये पैसा अमीर लोगों का है.'

नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा को सर्जिकल स्‍ट्राइक कहा जाता है. लेकिन मोदी ने गरीब जनता पर फायर बाम्बिंग की है.

राहुल ने प्रधानमंत्री पर हमला जारी रखते हुए कहा, 'आप हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कहते थे, लेकिन आपने नोटबंदी के फैसले की घोषणा कर मुरादाबाद, कानपुर और मिर्जापुर की स्‍थानीय खूबियों से संबंधित उद्योगों को खत्‍म कर दिया. इन क्षेत्रों से जुड़े लोग एक दिन की मजदूरी पर जीते हैं. ये लोग क्रेडिट कार्ड से नहीं खरीदते बल्कि कैश से खरीदते हैं. आपने ऐसे लोगों को बर्बाद कर दिया है.'

50 परिवारों ने बैंकों से करोड़ों-अरबों का कर्जा लिया है
अब सवाल उठता है कि आखिर फायर बाम्बिंग क्‍यों की गई. दरअसल देश के काला धन रखने वाले 50 परिवारों ने बैंकों से करोड़ों-अरबों का कर्जा लिया है. इन लोगों ने आठ लाख करोड़ रुपया सार्वजनिक बैंकों का ले रखा है. इनको वापस नहीं किया जा रहा है. नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों से पैसा नहीं ले सकते क्‍योंकि इन लोगों ने ही उनको प्रधानमंत्री बनाया है. इसलिए आपको निशाना बनाया जा रहा है. गरीबों से पैसा खींचों और अमीरों को सींचो. यही है नोटबंदी.

राहुल ने कहा, आप लोग दो-तीन महीने रुकिए. आप देखेंगे कि ये आठ लाख करोड़ रुपये भी माफ कर दिए जाएंगे. पहले कहते थे कि जाली नोटों पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी लागू की गई. बाद में एक मंत्री ने संसद में बताया कि 100 रुपये में से 2 पैसे नकली हैं. उसके बाद से मोदी ने ये कहना बंद कर दिया गया. मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बारे में किसी को नहीं बताया. तो आप बताएं कि बिहार में एक महीना पहले हर जिले में जमीन क्‍यों खरीदी. बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक में बीजेपी ने क्‍यों खरीदी. कुल मिलाकर यह जान लीजिए कि आप लोगों के इस पैसे से अमीरों का भला होने जा रहा है. उनका आठ लाख करोड़ रुपया माफ होने जा रहा है.