लखनऊ: प्रदेश के वन एवं वन्यजीव मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार कुकरैल पिकनिक स्पाट को देश के सबसे बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी। इस पिकनिक स्पाट को और आकर्षक बनाने के लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं से युक्त किया जाएगा, ताकि पर्यटकों और दर्शकों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने कुकरैल पिकनिक स्पाट पर एक करोड़ रूपये की लागत से मौलश्री सभागार, 34 करोड़ रुपये से निर्मित बाउण्ड्री वाल तथा सात करोड़ रुपये से बन रेस्ट हाउस का लोकापर्ण किया। उन्होंने एल0आइ0टी0 (मूसाबाग) में 10 करोड़ रुपये से बनने वाली चाहर दीवारी तथा तीन करोड़ रुपये से निर्मित होने वाले रेस्ट हाउस का शिलान्यास भी किया।

श्री यादव आज यहां कुकरैल पिकनिक स्पाट स्थित मौल सभागार में विभिन्न कार्यों के लोकार्पण/शिलान्यास करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एल0आइ0टी0 (मूसाबाग) में विभिन्न परियोजनाओं का विकास करके इसे भी पर्यटकों के लिए विकसित करने की योजना को मूर्तरूप दिया जा रहा है। श्री यादव ने कहा कि पिकनिक स्पाट को पूरी तरह सुरक्षित करने के उद्देश्य से 34 करोड़ रुपये से चाहर दीवारी का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा विश्राम गृह तथा मौलश्री सभागार को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इसका लाभ पर्यटकों को भविष्य में मिलेगा।

वन मंत्री ने कहा कि वन विभाग के मुख्यालय का भी पूरी तरह पुनरोद्धार/निर्माण करने के लिए 140 करोड़ रुपये की कार्य योजना का मंजूरी प्रदान कर दी गई है और इस आठ मंजिला बिल्डिंग का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक एवं तकनीकी सुविधाओं से इस मुख्यालय भवन को लैस किया जाएगा। इसके बनने से जिला स्तर के वन विभाग के कार्यालय सीधे संचार और वीडियों कान्फ्रेंसि के माध्यम से जुड़ जाएंगे। यह देश का सभी आवश्यक सुविधाओं से युक्त उत्कृष्ट कार्यालय होगा।

श्री यादव ने कहा कि सरकार ने पूरे प्रदेश में वन विभाग की अवैध जमीन पर कब्जेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके उनसे मुक्त कराई गई है। उन्होंन निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में अभी भी वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे बने हुए हैं, अधिकारियों को इस दिशा में तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। वन विभाग की किसी भी जमीन पर अवैध कब्जेदारों को पनपने नहीं दिया जाएगा और यदि इस कार्य में विभागीय अधिकारियों को संलिप्तता पाई जाती है अथवा कोई शिकायत मिलती हैं, तो ऐसे लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित होगी। सरकार ने अवैध कटान पर भी गम्भीर रूख अपनाया है। कतिपय क्षेत्रों से अवैध कटान की शिकायतें उनके संज्ञान में आई हैं, इसपर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की है। अधिकारियों की भी जिम्मेदारी है कि वे ऐसे माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करें।

वन मंत्री ने कहा कि जंगलों में अवैध शिकार के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी वन क्षेत्र में अवैध शिकार नहीं होने चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अथवा विभागीय कर्मी इसमें लिप्त पाया जाता है, तो ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जंगल से बाहर आने वाले जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया। वन विभाग मनुष्यों और जीव जन्तुओं से जुड़ा विभाग है। इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इससे सभी प्रभावित होते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अप्रवासी/प्रवासी पक्षियों के शिकार पर भी अंकुश लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
प्रमुख सचिव, वन व वन्य जीव, श्री संजीव सरन ने विभागीय कार्यकलापों/उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा एक दिन में 5 करोड़ पौधों का रोपण करके पूरे विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। आगरा में अन्तर्राष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल, प्रदेश में गौरैया दिवस और सारस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसके उत्साहजनक परिणाम मिले। उन्होंने कहा कि वन विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों में आम लोगों की सहभागिता हर स्तर पर सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है। इससे वन विभाग की साख को नए आयाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि पौधा रोपण कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के करीब 04 करोड़ बच्चों इने पौधों की सुरक्षा और संरक्षा की शपथ ली।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष डा0 रूपक डे ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश सरकार ने 5000 एकड़ में फैले इस वन खण्ड का विकास किया है। इस वन खण्ड में बाउन्ड्री वाल के निर्माण से जहां आगन्तुकों को काफी सुविधा होगी, वहीं वन्यजीवों का भी बेहतर तरीके से संरक्षण हो सकेगा। उन्होंने अवगत कराया कि विभागीय प्रयासों से अवैध रूप से अतिक्रमित 250 एकड़ को वन माफियाओं से मुक्त कराया गया है। श्री डे ने कहा कि वन विभाग अपने सभी कार्यक्रमों में आम लोगों की सहभागिता भी सुनिश्चित करता है।

इस अवसर पर सचिव वन एवं वन्यजीव सुनील पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक कार्ययोजना एवं अनुश्रवण एस0के0शर्मा, प्रबन्ध निदेशक, वन निगम एस0के0उपाध्याय, कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लि0 के पारियोजना प्रबन्धक अतुल सिन्हा सहित वरिष्ठ वनाधिकारियों एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।