लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी लगातार कालेधन का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन भाजपा ने जिस तरह से पूरे देश भर में कार्यालय के नाम पर हर जनपद में जमीनें खरीदी हैं उसकी जांच होनी चाहिए, कि क्या यह जमीनों की खरीददारी कालाधन को खपाने के लिए तो नहीं की गयी? जिस प्रकार देश में आम जनता एक-एक पाई के लिए लाइन लगाने के लिए मजबूर है वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम जिस प्रकार नोट बन्दी के तुरन्त पहले इतनी भारी मात्रा में पूरे देश में जमीनें क्रय की गयीं तथा विभिन्न बैंकों में भारी मात्रा में पैसा जमा किया गया, यह साबित करता है कि कहीं न कहीं कालेधन को खपाने का प्रयास किया गया है।

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने आज जारी बयान में कहा कि जिस प्रकार प्रदेश के विभन्न जनपदों में अभी शीघ्र ही सैंकड़ों की तादाद में भारतीय जनता पार्टी द्वारा मोटर साइकिलें खरीदी गयी हैं, उनका भुगतान कैसे किया गया है? क्या यह मोटर साइकिलें पे टीएम(कैशलेस) अथवा चेक से खरीदी गयीं हैं या पुरानी नोटांे को खपाया गया है?

श्री पाण्डेय ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि प्रधानमंत्री जी नोट बन्दी करके कालाधन निकाल रहे थे या आतंकवाद समाप्त कर रहे थे अथवा पूरे देश को डिजिटल इण्डिया बना रहे थे। नित्यप्रति प्रधानमंत्री जी का बदलता बयान पूरे देश को ऊहापोह की स्थिति में रखे हुए है। आम जनता जहां सुबह से शाम तक रोज-मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए लाइनों में लगी हुई है वहीं भारतीय जनता पार्टी खरीद-फरोख्त में जुटी हुई है। इससे यह साफ होता है कि भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र की मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों में खोट हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त है।