महाराष्ट्र नगर परिषद चुनाव में दूसरे दौर के नतीजे दावों के अनुकूल नहीं

मुंबई। क्या नोटबंदी की आंच के झटके भारतीय जनता पार्टी को लगने शुरू हो गए हैं? ये सवाल आज इसलिए किया जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव के दूसरे दौर के नतीजों में बीजेपी अबतक भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही हो लेकिन यह सफलता उतनी बड़ी नहीं हैं जिसका दावा बीजेपी ने किया था। इतना ही नहीं बीजेपी पवार को उनके गढ़ बारामती में धूल चटाने में भी पूरी तरह से नाकाम रही हैं।

महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव के दूसरे दौर के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। एनसीपी और कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले लातूर और पुणे की 14 नगर परिषद के नतीजों में बीजेपी अबतक सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हैं। नगर परिषद के 341 सीटों में से बीजेपी को 100 सीट, कांग्रेस को 64 सीट, एनसीपी को 99 सीट, शिवसेना को 28 सीट और अन्य को 50 सीट मिलीं।

पहले दौर की तरह दूसरे दौर में भी विरोधियों का सूपड़ा साफ करने का दावा बीजेपी ने किया था। लेकिन ऐसा पूरी तरह हो नहीं पाया। फिर भी सबसे ज्यादा सीट मिलने की खुशी वो मना रहे हैं। महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे का कहना है कि बीजेपी फिर नंबर वन पार्टी बनी है।

इस चुनाव में सबकी नजरें बारामती नगर परिषद पर थी। यहां शरद पवार के भतीजे अजित पवार की प्रतिष्ठा दांव पर थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी चुनावी रैली में कहा था कि वो इसबार बारामती में पवार को पानी पिलाएंगे। लेकिन जब चुनाव के नजीते सामने आए तो ऐसा नहीं हो सका। बारामती नगर परिषद के 39 में 35 सीटें एनसीपी के खाते में आईं तो वहीं बीजेपी को सिर्फ 4 सीटों पर ही जीत मिली।

एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनिल तटकरे ने कहा कि सीटें भले ही हमारी कम आईं हो लेकिन हमारी ताकद बढ़ी हैं। वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने बीजेपी पर पैसे के बल पर चुनाव जीतने का आरोप लगाया। सचिन सावंत ने कहा कि बीजेपी वाले पैसे के दम पर चुनाव जीत रहे हैं। हमने 2014 के मुकाबले अब अच्छा प्रदर्शन किया है।

14 नगराध्यक्षों में 5 नगराध्यक्ष बीजेपी के चुनकर आए तो वहीं कांग्रेस के 3, एनसीपी के 2, शिवसेना के 1 तो वहीं निर्दलियों के 3 चुनकर आए। पिछले निकाय चुनाव के मुकाबले यह जीत बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौसला जरूर बढ़ायगी।