नई दिल्‍ली: नोटबंदी के कारण नकदी की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 'उल्लेखनीय गिरावट' आएगी. उद्योग मंडल सीआईआई ने गुरुवार को यह कहा.

सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने कहा कि जहां तक कंपनियों की आय का सवाल है, उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की बिक्री में पिछले महीने 20 प्रतिशत की गिरावट आई.

आर्थिक वृद्धि पर नोटबंदी के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर फोर्ब्स ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तिमाही में और अगली तिमाही में जीडीपी वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट होगी'. सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के इरादे से आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी. इससे नकदी की समस्या हुई है, क्योंकि बैंक में नई मुद्रा का प्रवाह धीमा है.

यह पूछे जाने पर कि क्या नोटबंदी से रोजगार में कमी आएगी, फोर्ब्स ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में रोजगार पर इसका प्रभाव होगा, जो कर्मचारियों को नकद भुगतान करने में भरोसा करता है.

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में 2016-17 के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.6 प्रतिशत घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया है.

पिछली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही जो पिछले साल की इसी तिमाही में 7.6 प्रतिशत थी.