लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा के लिए नोटबंदी का गुड़ कड़वा साबित होगा। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम इसका उदाहरण बनेंगे।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री की नोटबंदी योजना पूरी तरह फेल साबित हुई है। लगातार अवैध रुप से जमा की गयी नयी करेंसी भारी मात्रा में पकड़ी जाने से यह साबित हो गया है कि सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है। बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। बड़े लोग काले को सफेद करने में कामयाब हो रहे हैं। केन्द्र सरकार के तहत आने वाले बैंक खुद काले को सफेद बनाने में लगे हुए हैं। इससे ये पता लगता है कि काला धन तो सफेद हो गया लेकिन इसकी मार आम आदमी, गरीब, मजदूर, किसान और छोटे व्यापारियों पर ही पड़ रही है, जबकि केंद्र की भाजपा सरकार केवल बयानबाजी में लगी है।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब तो इस योजना को अमलीजामा पहनाने वाले सिस्टम की भी पोल खुल गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकों के अधिकारी और कर्मचारियों के पकड़े जाने से तो यह साबित हो गया कि सरकार समेत सभी बड़े लोगों के साथ हैं। जहां आम नागरिक, गरीब, मजदूर और व्यापारी कुछ ही रुपयों के लिए लाईनों में लगे हैं वहीं बड़े लोगों के पास से करोड़ों की नयी करेंसी पकड़ी जा रही है जिससे यह साफ होता है कि प्रधानमंत्री की इस योजना से केवल गरीब, मजदूर और कम पूंजी वाले आम लोगों को ही परेशानी का सामना करना पड़ा है।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री की नोटबंदी योजना के खिलाफ अब भारतीय जनता पाटी में ही विरोध होने लगा है। भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं की समझ में आने लगा है कि 35 दिन बीत जाने के बावजूद भी लोगों की कठिनाईयां अभी तक बादस्तूर जारी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी से देश की जनता बेहद परेशान हैं। केंद्र के एकाएक तानाशाही पूर्ण इस फैसले से गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की कमर टूट गयी है। व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस योजना से गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी सभी अपना कामकाज छोड़कर बैंकों के सामने लाइनों में लगे हैं। नोटबंदी से पूरे देश की जनता प्रभावित हुई है। केंद्र सरकार 35 दिन बीत जाने के बावजूद बड़े व छोटे नोटों की कमी को पूरा नहीं कर सकी है। आज भी बैंकों और एटीएम के सामने लोगों की लंबी लाइनें लगी हुई है। लगभग 80 फीसदी लोहे के डिब्बे एटीएम लोगों को पैसा देने में नाकाम ही रहे हैं।

उन्होंने सवाल उठाया कि दुनिया के किसी भी देश में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं है कि लोग बैंकों में जमा अपना ही पैसा ना निकाल पाये। प्रधानमंत्री की इस योजना से देश की व्यवस्था ही बिगड़ गयी है। लोग अपनी तन्खवाह के पैसे तक नहीं निकाल पाये हैं। लाईनों में खड़े लोगों को अब चुनाव का इंतजार हैं ताकि प्रधानमंत्री को इस योजना का जवाब दिया जा सके।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस योजना से सबसे ज्यादा परेशान ग्रामीण लोग हो रहे हैं। गांवों में शिक्षा का अभाव है। बिजली नहीं है, इलैक्ट्रोनिक्स चीजों का अभाव है। किसान, मजदूर और गरीब आदमी अभी इतना हाइटेक नहीं हुआ है कि वह आनलाइन ट्रांजेक्शन कर सके। इन लोगों को समय दिया जाना चाहिए था ताकि वह अपने को तैयार कर सके लेकिन प्रधानमंत्री के एकाएक इस बिना सूझबूझ वाले फैसले ने सभी को परेशान करके रख दिया है।