लखनऊ। ईद-मिलादुन्नबी के मौके पर नारे तकबीर, नारे रिसालत और नारे हैदरी अमीनाबाद से पारंपरिक जुलूस मदहे सहाबा शानो शौकत से निकल गया । में जुलूस की अगुवाई ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली व मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी ने की। जुलूस में दो सौ अंजुमनें शामिल हुई। जुलूस अपने पूर्व निर्धारित रास्तों से होता हुआ ऐशबाग ईदगाह पहुंच कर समाप्त हुआ ।

जुलूसों में शामिल अंजुमनें अपने झंडों के साथ नारे लगाती और कलाम व मनकबत पढ़ते चल रही थीं। मजलिस तहफ्फुजे नामूसे सहाबा की ओर से मदहे सहाबा का जुलूस निकाला गया। इसमें अंजुमनें इस्लामी झंडे और चांद तारे लेकर शामिल हुई। अंजुमन मदहे सहाबा तराना पढ़ते चल रही थी। खूबसूरत झंडों पर अल्लाह, रसूल और चारों खलीफा के नाम लिखे हुए थे। जुलूस के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर सबीलों का आयोजन किया गया था।

नमाज के बाद ईदगाह में जलसा सीरतुन्नबी और सीरते सहाबा और तहफ्फुजे शरीयत का आयोजन किया गया। इसमें इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आज का दिन बहुत मुबारक है, इसमें खुदा ने अपने आखिरी नबी को इस दुनिया में तमाम इंसानों की रहनुमाई के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात कि है कि मुसलमान पैगम्बर के इंसानियत, अमन और भाईचारे के पैगाम को घर-घर पहुंचाएं। मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी ने कहा कि आज का यही पैगाम है कि हम खुदा के रसूल के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लें। जलसे को अपर महाधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने खिताब करते हुए मुसलमानों से शिक्षा ग्रहण करने पर बल दिया। जलसे में जिलाधिकारी सत्येन्द्र सिंह और वरिष्ठïपुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी को सम्मानित किया गया। साथ ही शामिल होने वाली अंजुमनों को इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।