लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में बोलने को लेकर गलतबयानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री और वह भी लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त पार्टी के नेता का इस तरह रोना धोना करना और इस तरह जनता को बरगलाने की कोशिश करना थोड़ा भी शोभा नहीं देता। वास्तव में, यह तो 'उलटा चोर कोतवाल को डांटे' की कहावत को ही चरितार्थ करता है। ऐसा करके वह अपनी और सरकार की जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। लेकिन जनता इन्हें माफ नहीं करेगी।

मायावती ने रविवार को एक बयान में भाजपा की बहराइच रैली को फ्लाप बताया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा की अधिकांश रैलियां सफल साबित नहीं होने से यह साबित होता है कि लोकसभा चुनाव के बाद इनकी केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी के साथ-साथ घोर जनविरोधी नीतियों व गलत कार्यकलापों के कारण यूपी में भाजपा का जनाधार काफी खिसक गया है। इनकी हालत यहां काफी ज्यादा खराब है। यही कारण है कि भाजपा अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम तक घोषित नहीं कर पा रही है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी खुद रैली में शामिल नहीं हो सके। मोबाइल से भाषण देकर सिर्फ औपचारिकता ही निभायी। अपने भाषण में ज्यादातर घिसी पिटी और पुरानी बाते ही दोहरायीं। जनहित या जनसमस्या के निदान के लिए कोई नयी बात नहीं कही जिससे लोगों को निराशा हुई। उनका यह कहना कि संसद में विपक्ष बोलने नहीं देता इसलिए बाहर बोलते हैं. सरासर गलतबयानी है। नोटबन्दी से 90 फीसदी जनता परेशान है परन्तु प्रधानमंत्री की जनता की समस्या को जल्दी दूर करके राहत देने की जगह अपना ही रोना रोते रहते हैं। प्रधानमंत्री का बयान खुद उन पर आक्षेप है न कि विपक्षी पार्टियों पर। प्रधानमंत्री न तो संसद के अन्दर और न बाहर जनता की समस्या सुनने को तैयार है। स्थिति लगातार जटिल होती जा रही है। प्रधानमंत्री का इमोशनली ब्लैकमेल करने और घडियाली आंसू बहाने का हथकण्डा भी निष्प्रभावी होता जा रहा है। जनता उनकी नाटकबाजी में इस बार आने वाली नहीं है।