नई दिल्‍ली: वीवीआईपी चॉपर घोटाले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्‍यागी और अन्‍य को आज दिल्‍ली की एक अदालत ने चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को वायु सेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी और अन्‍य को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया था.

पिछली संप्रग सरकार के दौरान ब्रिटेन स्थित अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में 450 करोड़ रुपये की रिश्वत के कथित लेन-देन के आरोप में ये गिरफ्तारियां हुई हैं.

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि 2007 में सेवानिवृत हुए 71 साल के त्यागी, संजीव और चंडीगढ़ में रहने वाले वकील गौतम खेतान को सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

करीब तीन साल पहले सामने आए इस मामले में सीबीआई की ओर से की गई ये पहली गिरफ्तारी है. रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई ने 2013 में प्राथमिकी दर्ज की थी. जांच एजेंसी ने प्राथमिकी तब दर्ज की थी जब इटली में इस मामले में हो रही अदालती सुनवाई के दौरान अभियोजकों ने अगस्तावेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकेनिका के प्रमुख के खिलाफ इस करार में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

शुक्रवार शाम के वक्त दिए गए एक बयान में सीबीआई प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने बताया था कि यह आरोप है कि वायुसेना प्रमुख ने अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश की और 2005 में भारतीय वायुसेना का यह रुख बदलने के लिए तैयार हो गए कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की 6000 मीटर की सर्विस सीलिंग अनिवार्य परिचालन जरूरत है और इसे घटाकर 4500 मीटर कर दिया.

देवप्रीत ने कहा कि परिचालन जरूरतों में ऐसे बदलाव से ब्रिटेन स्थित कंपनी (अगस्तावेस्टलैंड) वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के लिए प्रस्ताव के अनुरोध (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) में हिस्सेदारी लेने योग्य हो गई. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि उनके चचेरे भाई और एक वकील सहित बिचौलियों..रिश्तेदारों के जरिए आरोपी वेंडरों से रिश्वत कबूल कर ब्रिटेन स्थित उक्त निजी कंपनी को अनुचित फायदा पहुंचाया गया. अवैध जरिए से प्रभाव का इस्तेमाल करने या संबंधित लोक सेवकों पर निजी प्रभाव डालने के लिए उन्होंने अवैध रिश्वत कबूल की.

पिछले तीन साल में मीडिया को दिए कई इंटरव्यू में त्यागी और उनके चचेरे भाई ने करार को प्रभावित करने के लिए किसी तरह की रिश्वत लेने के आरोपों से इनकार किया है.

आरोपों को खारिज करते हुए पूर्व एयर चीफ मार्शल त्यागी ने कहा था कि शर्तों में बदलाव एक सामूहिक फैसला था जिसमें भारतीय वायुसेना, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.

सीबीआई ने दावा किया था कि खेतान ने यूरोपीय बिचौलिये ग्विडो हैश्के और कालरे गैरोसा से पैसे लेने की बात कबूल की है. हालांकि, उसने यह भी कहा कि वह करार को प्रभावित करने के लिए लिया गया कमीशन नहीं था.