नई दिल्‍ली। देश को कैशलेस बनाने के लिए सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। वित्‍त मंत्रालय के साथ अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) भी मैदान में आ गया है। एमएचआरडी ने एक महीने के लिए छात्रों को घर-घर भेजने का फरमान जारी किया है। यह छात्र सभी को कैशलेस सिस्‍टम के बारे में जागरूक करेंगे। इस काम में शिक्षकों को भी लगाया गया है। जागरुकता कार्यक्रम को वित्‍तीय साक्षरता अभियान नाम दिया गया है। इस संबंध में सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को यूजीसी के माध्‍यम से पत्र भेजा गया है।

नोटबंदी के साथ ही देश को कैशलेस बनाने की मुहिम शुरू हो गई है। टीवी और समाचार पत्रों में विज्ञापन के साथ ही अब जागरुकता कार्यकम शुरू हो रहे हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम एमएचआरडी 12 दिसम्‍बर से शुरू करने जा रहा है। देशभर की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में यह कार्यक्रम वित्‍तीय साक्षरता अभियान के नाम से 12 जनवरी तक चलेगा। एमएचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी वाइस चांसलर और सभी प्रदेश के उच्‍च शिक्षा सचिव को संबोधित किया था।

जानकारों की मानें तो पहले यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के उन शिक्षकों को अभियान के संबंध में ट्रेनिंग दी जाएगी जो वित्‍तीय विषयों से जुड़े हुए हैं या फिर विषय के संबंध में जानकारी रखते हैं। इसके बाद ये ही शिक्षक छात्र-छात्राओं को अभियान के बारे में जानकारी देंगे। फिर ये छात्र घर, दुकान और ठेल-ढाकेल पर जाकर लोगों को कैशलेस के बारे में जानकारी देंगे। इसके फायदे गिनाएंगे। कैसे हम कैशलेस होकर दो रुपये से लेकर हजारों रुपये तक की खरीदारी कर सकते हैं यह भी बताएंगे।

इसके लिए एक छात्र को कम से कम दस घर में जाने के निर्देश दिए गए हैं। एमएचआरडी ने छात्रों की मदद के लिए एक बेवसाइट भी बनाई है। इस बेवसाइट पर जाकर छात्र वित्‍तीय साक्षरता अभियान के बारे में और अधिक जानकारी ले सकते हैं। अभियान के बारे में छात्र अपने अनुभव भी साक्षा करेंगे। अभियान के बारे में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को फोटो के साथ एक रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी। यह रिपोर्ट यूजीसी को भेजनी होगी। लेकिन एमएचआरडी ने ये भी कहा है कि पहले यूनिवर्सिटी और कॉलेजों और अपने यहां 100 प्रतिशत कैश लेस वातावरण तैयार करना होगा।