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नोटबंदी से कई देशों के राजनयिक और दूतावास परेशान, रूस ने दी ‘काउंटर स्टेप’ उठाने की चेतावनी

नई दिल्ली; भारत में नोतेबंदी की समस्या से केवल आमलोग ही नहीं बल्कि राष्ट्र राजधानी में स्थापित बहुत से देशों के दूतावासों को भी झेलनी पड़ रही है। आपको बता दें कि रूस, कजाकिस्तान, यूक्रेन, इथियोपिया और सूडान के दिल्ली में मौजूद दूतावासों ने अपने बैंक खाते से विदड्रॉल लिमिट के कारण हो रही मुश्किलों को लेकर एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री को कड़े शब्दों में पत्र लिखे हैं। वहींम कजाकिस्तान के दूतावास ने पिछले सप्ताह अपना नेशनल डे मनाया था और नकदी की कमी की वजह से उसे इंतजाम करने में काफी परेशानी हुई थी।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के उच्चायोग ने भी अपने कर्मचारियों के वेतन के भुगतान को लेकर बैंक के साथ समस्या को लेकर विदेश मंत्रालय से शिकायत की थी। पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों के वेतन भुगतान का मामला हालांकि जल्द ही सुलझ गया था।

नोटबंदी के बाद नकदी की कमी के चलते रूसी दूतावास में कामकाज प्रभावित होने पर रूस ने भारत के समक्ष अपना कड़ा विरोध जताया है। रूस इस मुददे का त्वरित समाधान चाहता है और नाकाम रहने पर मॉस्को में भारतीय राजनयिक को तलब करने सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर सकता है। रूसी राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन ने एक पत्र में लिखा कि राजनयिकों के पयार्प्त रकम नहीं निकाल पाने से दूतावास का सामान्य कामकाज प्रभावित हो रहा है और इस मामले में उन्होंने विदेश मंत्रालय (एमईए) से दखल देने की मांग की है ताकि राजनयिक कर्मचारियों के लिए धन निकासी पर अंकुश में ढील दी जाए।

यहां रूसी दूतावास में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमलोग एमईए के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द इसका हल तलाशा जाएगा, अन्यथा हम मॉस्को में आपके दूतावास के इंडियन मिनिस्टर काउंसलर को तलब कर उनके समक्ष इस मुददे को उठाने सहित अन्य विकल्पों पर सोचने को मजबूर हो जाएंगे। अधिकारी ने संकेत दिया कि अन्य विकल्पों में रूस में तैनात भारतीय राजनयिकों के लिए धन निकासी पर अंकुश लगाना शामिल हो सकता है।

यहां के रूसी दूतावास में करीब 200 कर्मचारी कार्यरत हैं। बहरहाल, शिकायत पर भारत की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इससे पहले, डीन ऑफ डिप्लोमेटिक कोर ने भी यह मुददा उठाते हुए दूतावास को हो रही समस्याओं की शिकायत की थी। समक्षा जाता है कि यूक्रेन और कजाकिस्तान जैसे देशों ने भी मंत्रालय के समक्ष विरोध जताया है। पिछले महीने नोटबंदी के बाद एमईए ने कहा था कि नोटबंदी के बाद राजनयिक दूतावासों के लिए नकदी का पयार्प्त प्रवाह बनाए रखने सहित ऐसे तीन या चार तरह के अनुरोधों पर एमईए ने वित्त मामलों के विभाग से संपर्क किया है और उसके फैसले की प्रतीक्षा में है।

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