नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने रिलायंस जियो के तमाम विज्ञापनों में पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर इस्तेमाल करने की इजाज़त नहीं दी थी. यह जानकारी संसद को तब दी गई जब समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर ने इससे जुड़ा सवाल राज्यसभा में पूछा. इस पर सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने लिखित जवाब में यह भी स्वीकार किया कि उन्हें यह जानकारी थी कि पीएम की तस्वीर को रिलायंस जियो के विज्ञापन में इस्तेमाल किया जा रहा है.

राठौड़ ने कहा 'जी हां सर, सरकार को जानकारी थी.' लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि पीएमओ ने इसकी इजाज़त नहीं दी थी. उन्होंने कहा कि मंत्रालय की मीडिया शाखा DAVP सभी प्रकार की सरकारी नीतियों से जुड़े विज्ञापनों को मीडिया के अलग अलग माध्यमों के लिए रिलीज़ करती है लेकिन 'सिर्फ सरकारी विज्ञापन, किसी भी निजी संस्था के विज्ञापनों को रिलीज़ करने का काम इस एजेंसी का नहीं है.'

जब शेखर ने जानना चाहा कि अगर जियो ने इजाज़त नहीं ली है तो उसके खिलाफ किस तरह की कार्यवाही की जाएगी . इस पर राठौड़ ने कहा कि इससे जुड़ा कानून (राजकीय प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम 1950), उपभोक्ता मामले, खाद्य, सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की निगरानी में है.

गौरतलब है कि गुरुवार को जियो के हैप्पी न्यू ईयर ऑफर के ऐलान के दौरान मुकेश अंबानी ने 500 और 1000 रुपये नोट बंद करने का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के 'साहसिक' फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देता हूं. इससे पहले भी मुकेश अंबानी ने विज्ञापनों में पीएम की तस्वीर के इस्तेमाल से हो रही आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा था कि मोदी 'मेरे भी प्रधानमंत्री हैं. पीएम ने एक डिजिटिल इंडिया का सपना रचा है जिससे मैं भी बहुत प्रेरित हूं. हम इस भारतीय नेता के सपने, भारत और डेढ़ करोड़ भारतीयों को हमारी सर्विस समर्पित करते हैं और इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है.'