नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा कि यूपी में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी. सपा अकेले बहुमत की सरकार बनाएगी.

मायावती से जुड़े सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि उनके साथ एक अलग रिश्ता कायम किया है. मैंने उन्हें बुआ कहा है. बुआ और भतीजा का यह रिश्ता राजनीतिक रिश्ता है. मायावती इस रिश्ते को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.

सपा में मतभेद यानी अंकल (अमर सिंह) को पार्टी में चाहते हैं या नहीं इस पर अखिलेश ने कहा- अंकल का व्यवहार और उनकी भाषा, उनका तजुर्बा ऐसा होना चाहिए कि दोबारा समाजवादी सरकार बने. मैं इस बात का फैसला नहीं कर सकता कि कौन पार्टी में रहे और कौन नहीं. मैं प्रदेश अध्यक्ष नहीं हूं. अगर मैं सपा अध्यक्ष होता तो यह सुझाव जरूर देता. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुझे तलवार दे रहे हैं तो तैयार रहिए वह चलेगी भी.

आप इस तलवार से किसे हटाएंगे इस पर जवाब वह टाल गए और नोटबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि पूरा देश लाइन में लगा हुआ है. नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार का समाधान नहीं हुआ.

पीएम मोदी से चाय पर मुलाकात हुई तो क्या चर्चा हुई, इस पर अखिलेश बोले, चाय तक नहीं रुक पाए. मैंने उनसे कहा कि लोग परेशान हैं. इस पर वह बोले- चीजें ठीक हो जाएंगी. पीएम डिजिटल लेन-देन चाहते हैं लेकिन क्या लोग तैयार हैं.

क्या नोटबंदी यूपी चुनाव में चुनावी मुद्दा बनेगा इस पर अखिलेश ने कहा कि बड़े लोग लाइनों में नहीं लगे. मुझसे लोगों ने कहा आप भी जाइए लाइनों में. मैंने कहा कि मुझसे पहले ये काम हो चुका है, मैं नहीं जाऊंगा. लोकतंत्र में जनता को जो दुख देता है, मौका मिलने पर जनता भी उसे गुस्सा भी दिखाती है.

एक्सप्रेस-वे, स्मार्टफोन, लैपटॉप के बीच राम मंदिर मुद्दा नहीं बनना चाहिए. आपने रामायण थीम पार्क बनाया है. इस पर अखिलेश बोले, लायंस सफारी औऱ थीम पार्क भी बनाए हैं, जो लोगों के लिए हो सकता है वह कर रहे हैं. सबके लिए काम कर रहे हैं. यूपी में लोग राम के नाम से राजनीतिक लाभ नहीं उठा पाएंगे.

प्रशांत किशोर के सवाल पर अखिलेश ने बताया कि पीके कांग्रेस को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन वे हमारी पार्टी को कैसे आगे बढ़ाने आ गए. लेकिन उनके सुझाव हमने सुने. उनसे मैं और नेताजी मिले थे. वैसे तो हम बहुमत की सरकार बना रहे हैं, लेकिन अगर पीके का फॉर्मुला तैयार हो जाता है तो हम 300 से ज्यादा सीटें ले जाएंगे. गठबंधन होता है तो किसी न किसी को स्वीकार करना होगा कि उसकी सीटें कम होंगी. गठबंधन में समझौता करके ही आगे बढ़ा जा सकता है. गठबंधन में अगर उनका (कांग्रेस) भी साथ मिल जाएगा तो 300 से ज्यादा सीटें हो जाएंगी. मगर ये सब नेताजी और कांग्रेस को तय करना है. समाजवादी पार्टी का बीजेपी से कभी कोई रिश्ता नहीं हो सकता.

अमर सिंह जी तो सीएम नहीं रहेंगे यूपी के,इस सवाल पर अखिलेश बोले- यह उनका बहुत बड़ा सपना है. वैसे, चुनाव के बाद सीएम कौन होगा, यह विधायक दल तय करेगा. नोएडा आने को लेकर अंधविश्वास पर अखिलेश बोले- मैं 2017 में नोएडा आ रहा हूं.

अरविंद केजरीवाल से क्या सबक सिखाएंगे. हर मुद्दे पर लड़ जाते हैं. वह दिल्ली के लिए अच्छा काम कर रहे हैं. राजधानी में ऐसा आदमी जरूरी है जो लोगों को चीजों के लिए रोकता रहे.

नेताजी का बयान आया था कि अगर अमर सिंह नहीं होते तो वह जेल में होते, इस पर अखिलेश ने कहा कि वह बयान प्रेस के लिए नहीं था, मेरे लिए था. नेताजी की बात कोई नहीं टाल सकता, मैं उनकी हर बात मानूंगा, लेकिन अगर मेरी चिट्ठी टाइप करने के लिए टाइप राइटर मंगवाएगा तो मैं उसे स्वीकार नहीं करूंगा.

क्या आपने कभी राजनीति छोड़ने की भी सोची थी' इस पर अखिलेश ने कहा कि मैं इस मुकाम पर आकर राजनीति छोड़कर क्या करूंगा. राजनीति तो यह भी कहती है कि जो आपको पार्टी से हटाना चाहे, आप उसे निकाल दें.

नोटबंदी का चुनावों पर असर को लेकर अखिलेश बोले कि पैसा नहीं होगा तो सारी पार्टियां साइकिल पर आ जाएंगी. इससे हमारी साइकिल का ही प्रचार होगा।