लखनऊ: यह डिजिटल कारोबार का दौर है। कारोबारी मॉडल में भारी बदलाव के चलते भारत और दुनिया भर में तीव्र गति से रोजगार परिदृश्य बदल रहा है। छात्रों को उद्योग ज्ञान और भावी स्मार्ट कौशलों से लैस करने के लिए, यूपीईएस ऊर्जा, आईटी, डिजाइन एवं प्लानिंग, वास्तुकला (आर्किटेक्चर), व्यवसाय, लोक नीति एवं कानून अध्ययन जैसे 14 प्रमुख क्षेत्रों में 79 प्रोग्राम्स उपलब्ध करा रहा है।

यूपीईएस द्वारा दिये गये प्लेसमेंट से जुड़े आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनियों और भर्ती करने वालों के बीच नये दौर के पाठ्यक्रमों की भारी मांग है। इस वर्ष, यूपीईएस ने उत्तर प्रदेश के 208 छात्रों को मारुति सुजुकि, आईबीएम, एलऐंडटी इंफोटेक, एमऐंडएम, केपीआईटी, डेल आरऐंडडी, इंफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, टीसीएस, विप्रो एनर्जी ऐंड यूटिलिटी, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड जैसे अग्रणी संगठनों में सफलतापूर्वक प्लेसमेंट दिया। इनमें से अधिकांश छात्र ऑटोमोटिव डिजाइन इंजीनियरिंग, पेट्रोकेमिकल्स एवं रिफाइनरी, तेल एवं गैस इंफॉर्मेटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, जियो इंफॉर्मेटिक्स इंजीनियरिंग, फायर ऐंड सेफ्टी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता वाले आईटी प्रोग्राम की पढ़ाई कर रहे थे।

गोलमेज में बोलते हुए, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम ऐंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष, उत्पल घोष ने बताया, ‘‘कारोबार के बदलते परिदृश्य और भारत सरकार की प्रमुख पहलों जैसे-डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटीज, मेक इन इंडिया के चलते, नयी-नयी रोजगार श्रेणियां उभर कर आ रही हैं। इन अवसरां का सर्वोत्तम लाभ लेने के लिए, यूपीईएस में हम अपने छात्रों को उनके जुनून की तलाश करने और निहित क्षमता को इस्तेमाल में लाने की अपील करते हैं और इस हेतु सहायता प्रदान करते हैं। हालांकि, किसी भी पाठ्यक्रम का चुनाव करते समय, छात्रों को चाहिए कि वो भविष्य में इसकी उपयोगिता को जान लें, केवल इतना सोच कर पाठ्यक्रम का चुनाव नहीं करना चाहिए कि आजकल क्या चल रहा है और उनके साथी क्या कर रहें हैं।’’

यह जानना दिलचस्प है कि बी.टेक. स्पेशलाइजेशन करने वाले लखनऊ के 3 यूपीईएस छात्रों ने अपनी टीम के साथ वैश्विक एयरोस्पेस प्रतियोगिता – कैनसैट 2016 – में हिस्सा लिया और यूरोप एवं एशिया में पहला स्थान हासिल किया। कैनसैट एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी (एएएस), अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स ऐंड एस्ट्रोनॉटिक्स (एआईएए) और नैशनल एरोनॉटिस एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा किया जाता है।