लखनऊ: प्रदेश के कारागार मंत्री, बलवंत सिंह रामूवालिया ने आज यहाँ बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश के कारागारों में निरुद्ध बंदियों को अपने घर जेलों में लगे पी.सी.ओ. से अब प्री-पेड मोबाइल सर्विस के माध्यम से भी बात करने की सुविधा कर दी जाएगी। पहले बंदी जेल पीसीओ से पोस्ट-पेड मोबाइल सर्विस पर या लैंडलाइन फोन पर सत्यापन के बाद ही बात कर पा रहे थे, जिससे लगभग 90 प्रतिशत बंदी अपने परिवार से बात नहीं कर पाते थे, क्योंकि अधिकतर बंदियों के परिवार के पास पोस्ट-पेड मोबाइल सर्विस और लैंडलाइन फोन नहीं थे । इस फैसले से बंदियों और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी है। उन्होंने बताया कि बंदी और उनके परिवार के लोगों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार, खासकर मुख्य मंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है। श्री रामूवालिया ने कहा कि इस फैसले से बंदी मुलाकातों में और बंदी के परिवार को बंदियों से मिलने आने के साधनों व अन्य खर्चो में भी कमी आयेगी।

श्री रामूवालिया ने यह बताया कि पैरोल देने की प्रकिया में बंदी और उनके परिवार को बहुत ही मुश्किलों और अपमान का सामना पड़ता है। जैसे की वह पैरोल पकिस्तान की कराची की जेल से पैरोल माॅग रहे हो। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा पैरोल प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार किया जा रहा है। डी.एम. और एस.एस.पी की संस्तुति के बाद पैरोल दिए जाने के नियम को बदल कर सरकार द्वारा 40 दिनों तक की पैरोल दिए जाने का अधिकार जेल अधीक्षक को दिया जायेगा, ताकि बंदी परिवार को अनावश्यक मुश्किलों का सामना न करना पड़े। साथ ही पैरोल वृद्धि में पुनः डी.एम. और एस.एस.पी की संस्तुति लेने की प्रक्रिया को भी समाप्त करने पर विचार किया जा रहा और जल्द ही बंदियों के हित में एक सरल प्रकिया स्थापित की जाएगी ।