लखनऊ। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को सही ढंग से लागू करने के लिए नियमित पैरवी कर जनभागिदारी सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के हर तपके के लोगो को मिल कर कार्य करना होगा तभी तभी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।

उक्त विचार ए0बी0आर0सी0,कॉकोरी, लखनऊ डॉ ऊषा तिवारी ने जयशंकर प्रसाद सभागार, राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह,कैसरबाग, लखनऊ में जिला बाल मैत्रीक संगठन की एक दिवसीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए ब्यक्त किया । उन्होने ने परियोजना के सफल क्रियान्वयन के हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया।

संस्था की निदेशका ज्योति खरे ने मुस्कान परियोजना का परिचय देते हुए कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को जमीन पर सही मायनों में उतारनें में यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है। एक्शन एड से श्री नाजिश ने इसे एक महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि इसमें सबसे साथ मिलकर कार्य करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर डॉ0 खुशवंत सिंह ने अब तक परियोजना के अंर्तगत पाई गई उपल्बिधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सब संस्थाओं को मिलकर नियमित रूप से शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अंर्तगम जिले में किये जा रहे कार्य की समीक्षा करनी चाहिए।उन्होने बताया कि मुस्कान परियोजना का उदद्ेश्य प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता और संचालन की स्थिति में स्थानीय समुदाय के माध्यम से आवश्यक परिवर्तन लाना है। इस परियोजना का यह भी उदद्ेश्य है कि स्थानीय समुदाय शिक्षा को लेकर इस हद तक जागरूक हो कि वह राज्य सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने की भामिका में आ जाये। परियोजना की अवधारणा पर चर्चा करते हुए बताया कि 2010 में लाये गये शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009,इन विधालयों में पूरी तरह लागू हों और इसी के माध्यम से इन समस्त विद्यालयों को बाल मैत्रीक बनाया जा सकें और साथ ही विद्यालयों की आधारभूत संरचना को भी बेहतर बनाया जा सकें।

इस मौके पर लक्ष्मी संस्था से सुश्री राजलक्ष्मी कक्कड ने भी शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को सही ढंग से लागू करने के लिए नियमित पैरवी की वकालत की। इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षक संध के श्री प्रशान्त ने शिक्षक संध की ओर से पूर्ण समर्थन का वादा किया। इस अवसर पूरे जिले से आये विद्यालय प्रबंधन समितियों के सदस्यो, ग्राम प्रधान व पंचायतो के सदस्यों, शिक्षको व अन्य प्रतिभागियों ने भी अपने विचार रखें।