मुंबई। पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दुलत ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर घाटी में स्थिति इतनी खराब कभी नहीं हुई थी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार शाम आयोजित एक कार्यक्रम में ‘कश्मीर: अशांति के कारण, शांति का रास्ता’ विषय पर लेक्चर देते हुए दुलत ने कहा कि कश्मीर की स्थिति इतनी खराब कभी नजर नहीं आई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर समस्या का हल खोजने के अवसर को गंवा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोग मोदी से आशा रखते हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर चलेंगे। दुलत ने कहा कि कश्मीरियों को भारत-पाकिस्तान के सौहार्दपूर्ण रिश्ते से ज्यादा किसी और चीज से आशा नहीं मिलती है। पाकिस्तान ने अलगाववादियों को साथ लाने की नाकाम कोशिश की। अब अलगाववादी साथ आ रहे हैं, ऐसा हो गया क्योंकि दिल्ली के पास इसके लिए समय नहीं है। दुलत ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि नोटबंदी के कारण घाटी में पथराव की घटना बंद हो जाएगी।

दुलत ने कहा कि पथराव की घटना नोटबंदी से पहले ही बंद हो चुकी है। आतंकवाद और नकली करेंसी के बीच संबंध हैं लेकिन इसे कुछ बढ़ाया-चढ़ाया गया है। दुलत ने कहा कि हमने पाकिस्तान को कई अवसरों पर कश्मीर समस्या में भूमिका निभाने के आमंत्रित किया है, भले ही पड़ोसी देश राज्य में अपनी भूमिका खो चुका है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के 2013 चुनाव में कश्मीर मुद्दा नहीं था।