नई दिल्ली: काले धन को लेकर की गई प्रधानमंत्री की एक कथित टिप्पणी को लेकर बिफरे विपक्ष ने आज राज्यसभा में हंगामा किया और प्रधानमंत्री से माफी की मांग की जिसके कारण उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग करते हुए कांग्रेस, बसपा और तणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। दूसरी ओर सत्ता पक्ष के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए नारे लगाने लगे।

हंगामे के कारण उप सभापति पी जे कुरियन ने करीब 11 बजकर 20 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने सदन के पूर्व सदस्य दीपेन घोष के निधन की जानकारी दी और सदस्यों ने कुछ पल मौन रहकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए गए। लेकिन तभी बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज सुबह पूरे विपक्ष पर आरोप लगाया है कि उसे अपना काला धन सफेद करने का समय नहीं मिला। यह अत्यंत निंदनीय टिप्पणी है और प्रधानमंत्री ने ऐसा कहकर पूरे विपक्ष का अपमान किया है जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कल नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य सदस्यों ने साफ शब्दों में कहा था कि विपक्ष काले धन के खिलाफ है तो फिर प्रधानमंत्री यह आरोप कैसे लगा सकते हैं कि विपक्ष काले धन का पक्षधर है। आजाद ने कहा प्रधानमंत्री यह आरोप कैसे लगा सकते हैं। हम काले धन के खिलाफ हैं और प्रधानमंत्री को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसी बीच कांग्रेस, बसपा और तणमूल कांग्रेस के सदस्य प्रधानमंत्री से माफी की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच ही कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। उन्होंने कहा कि 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट अमान्य किए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें आजाद की ओर से नियम 267 के तहत एक नोटिस मिला है।