लखनऊ: गाजीपुर के आरटीआई मैदान में समाजवादी पार्टी की ‘‘विकास से विजय की ओर’’ एतिहासिक रैली का आयोजन किया गया। इसमें कई लाख लोगों ने भाग लिया। भीड़ ने अब तक हुई सभी रैलियों का रिकार्ड तोड़ दिया।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस प्रदेश की आम जनता को बिजली, पानी, खाना आदि के अलावा और बहुत सी बुनियादी व्यवस्थाओं की जरूरत है। ये मेरा दृढ़ निश्चय है कि लोगों के सपने को साकार करूँगा। हाल ही की कुछ घटनाओ ने मुझे परेशान कर दिया है। जैसा कि मैंने देखा और सुना है कि प्रधानमंत्री को पता नही है ग्रासरूट लेबल पर क्या हो रहा है। मैं आप लोगो के साथ गांव गांव जा कर देख रहा हूँ क्या क्या परेशानी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की नोटबंदी की वजह से प्रदेश की जनता को काफी कष्ट और पीड़ा सहनी पड़ रही है। नोटबंदी से आज सारे देश में अफरातफरी का माहौल है। प्रधानमंत्री ने सारे देश को भिखारी जैसा बना दिया है। चाहे वो आम जनता हो या व्यापारी हो या हमारे किसान भाई हो, सबको अपना रोजगार व कारोबार छोड़कर नोटबंदी के कारण घंटो लाइन में खड़ा होना पड़ रहा हैं ताकि वो सिर्फ कुछ रूपये अपने खर्चे के लिए निकाल या बदल पाए। इस नीति के कारण सबका कीमती समय बैंकों अथवा पोस्ट ऑफिस के बाहर खराब हो रहा है। मेरे हिसाब से केंद्र सरकार की ये नीति और रवैया प्रदेश व देश की जनता के प्रति हद से ज्यादा गैरजिम्मेदाराना है।

श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि दहशत भरे इस माहौल में लोग यह नहीं समझ पा रहे कि आखिर उन्होंने जो वर्षों से मेहनत करके पाई-पाई जोड़कर छोटी मुद्रा में जो पैसा जमा किया है उसे भी मोदी कब बंद कर दें, पता नहीं। देश के लोग भारतीय करेंसी से अपना ऐतबार खो चुके हैं। मोदी प्लास्टिक मनी से पूरे देश को चलाना चाहते हैं लेकिन क्या पता कि कब वह क्रेडिट कार्ड भी बंद कर दिये जाये। आखिर जनता कहां जाये।
उन्होंने कहा कि मेरा सवाल ये है कि कुछ लोग जो अपने ए सी कमरां में काला धन छुपा के बैठे हैं, उनकी गलती के लिए आम जनता को क्यों परेशान किया जाए। आखिर कौन परेशान हो रहा है ? वो जो काला धन छुपा के बैठे है या हमारी आम जनता। मैं प्रदेश की जनता से कहना चाहूंगा कि समय आ गया है कि आपको हो रही परेशानी का जवाब देने का और केंद्र की भाजपा सरकार को बताने का कि ऐसी तानाशाही नीति उत्तर प्रदेश में नही चलेगी।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या गारन्टी है की काला धन फिर से नहीं उपजेगा? कोई भी अर्थशास्त्री ये बता देगा कि देर से सही पर ऐसी कमरो में बैठे हुए लोग जिन्होंने आपको धूप में खड़ा किया है वो फिर से काला धन बना लेंगे। केंद्र की सरकार अगर ये सोचती है कि जनता को इस तरह से परेशान करके वो जनमत हासिल कर लेगी तो दोस्तों अब समय आ गया है उनको जवाब देने का और बताने का कि हमारे प्रदेश की जनता किसको चाहती है। मुझे उम्मीद है कि आप उनकी चिकनी चुपड़ी बातों में ना आकर उनको बाहर का रास्ता दिखाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि छोटी मोटी हड़ताल होने पर भी करोड़ों के नुकसान का आंकलन करने वाले अर्थशास्त्री भी इस नोट बदलने वाली भयंकर महामारी से होने वाले नुकसान का आंकलन करने में असमर्थ हैं। नोट बदलने वाली इस व्यवस्था में पूरी तरह सुधार होने में ना जाने कितना समय लग सकता है। क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस समय में देश का कितने लाख अरब रुपये का नुकसान हो चुका होगा। आखिर इस पैसे की भरपाई कहां से होगी। इतिहास गवाह है की जिन जिन देशो ने ये नोट बंदी किया है उसमे अधिकतर देश फेल हुए है।

श्री यादव ने कहा कि सहकारी बैंकों पर करेंसी जमा कराने और निकालने पर रोक लगाकर प्रधानमंत्री ने किसानों के साथ अन्याय किया है। रबी की बुआई का समय है। किसानों को पैसे के अभाव में ना तो बीज मिल रहा है और ना ही खाद। ऐसे में फसल कैसे तैयार की जायेगी और फसल तैयार नहीं होगी तो किसान क्या करेगा उसकी आजीविका कैसे चलेगी। मोदी जी को किसानों की फिक्र नहीं उन्हें सिर्फ पूंजीपतियों की फिक्र है।

श्री यादव ने कहा कि देश के 90 प्रतिशत किसान पैसे के लिए या तो सहकारी बैंकों पर निर्भर है या फिर किसानों का कार्य नकदी के आधार पर ही चलता है। ऐसे में सहकारी बैंकों केलेन-देन पर रोक लगाकर मोदी ने देश के किसानों की कमर ही तोड़ दी है। केन्द्र की भाजपा सरकार इस मामले में दोहरी नीति अपना रही है। हरियाणा के सरकारी बैंकों को कारोबार करने की छूट दी गयी है लेकिन देश के सबसे ज्यादा किसानों वाले उत्तर प्रदेश को इससे वंचित रखा गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार किसानों को इस प्रदेश से बिल्कुल खत्म ही कर देना चाहती है।

श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों को जो छूट दी है वह मात्र झुनझुना है। केवल सरकारी दुकानों से बीज व खाद खरीदने की छूट दी गयी है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। हम मांग करते हैं कि तुरन्त सहकारी बैंकों पर लगी रुपयों के लेनदेन की रोक हटाई जाये। यदि सहकारी बैंकों और संस्थाओं पर लगी रोक नहीं हटाई गयी तो उत्तर प्रदेश का किसान और देश का किसान बर्बाद हो जायेगा और यदि किसान बर्बाद हुआ तो देश में भुखमरी फैल जायेगी। जिला सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों से रोक न हटने पर इन पर कार्यरत कर्मचारी भी बेरोजगार हो जायेंगे जिसकी जिम्मेदारी भी केन्द्र की भाजपा सरकार पर होगी।

श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान, मजदूर और गरीब जनता के साथ-साथ अब शहरी मध्यम वर्ग के लोग भी भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा पहचान चुके हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इनको इनकी असली जगह दिखा देगी।

श्री यादव ने कहा कि 56 इंच सीने वाले ने लोकसभा चुनाव से पूर्व जनता से यह वादा किया था कि सरकार बनने पर विदेशी बैंकों में जमा 2 लाख करोड़ रुपये लाउंगा। इस धन से सबके खाते में 15 लाख जमा होंगे। अब मोदी का 56 इंच का सीना कहां गया। बताओ आपमें से से कितने लोगों को मिला यह पैसा। मोदी बताएं कि विदेशों से कितना और कब काला धन वो देश में लाएं।

श्री यादव ने कहा कि मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि एक दिन में कई-कई बार कपड़े बदलने वाले प्रधानमंत्री को क्या वास्तव में आपकी चिंता है। 10 लाख रुपये का सूट पहनने वाले मोदी जी को यदि वास्तव में आपकी फिक्र होती तो आम आदमी का ये हाल आज नहीं होता।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा को काले धन की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं अभी तक बैंकों के डिफाल्टर हो चुके लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गयी। क्यों नहीं विजय माल्याको भारत में लाकर बैंकों के पैसे की वसूली की जा रही। श्री यादव ने कहा कि जनवरी 2014 में जब उस समय की केन्द्र सरकार ने 2005 से पहले के नोट 31 मार्च तक बदलने का निर्णय लिया था तब भाजपा वालों ने सबसे ज्यादा शोर मचाया था। भाजपा वालों ने ही कहा था कि इससे काला धन नहीं रुकेगा और जिनके स्विस बैंक में पैसे जमा हैं, वह देश मे नहीं आयेंगे। लेकिन अब भाजपा वाले यह नहीं बता रहे कि मोदी के इस कदम से स्विस बैंक का पैसा देश में कैसे आयेगा।
श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस अभियान का फायदा उनके खास पूंजीपतियों को होगा। मोदी के मित्र पूंजीपति और कारपोरेट घराने देश की गरीब व भोली भाली जनता के पैसे का फायदा उठायेंगे और देश की गरीब व भोली भाली जनता का ही गला काटेंगे। प्रधानमंत्री ने आज तक इन खबरों का भी कोई जवाब नहीं दिया जबकि अपने मन की बात खूब करते है। इन बातों से प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री की नीयत में कहीं ना कहीं कोई खोट है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी बिना थके बिना रुके यू पी के विकास में लगी हुई है। सी एम ने एक्सप्रेस वे का उदघाटन किया व इसी तरह गाजीपुर जिले का विकास करने में लगे रहेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जो कि जिले से होकर गुजरता है वो गाजीपुर को प्रदेश के प्रमुख शहर जैसे बलिया, मऊ, आजमगढ़, सुल्तानपुर वगैरह से जोड़ेगा और जिले के विकास के लिए मददगार साबित होगा।
श्री यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की एक और नीति मुझे मेरे मुस्लिम भाइयां और बहनों के लिए चिंतित कर रही है। मैं बात कर रहा हूं यूनिफार्म सिविल कोड की जिसके लिए बीजेपी पूरी ताकत से लगी हुई है। जैसा कि नेताजी ने कहा मेरा भी यही मानना है कि हर धर्म को ये हक है कि वो अपने-अपने रीति रिवाज के हिसाब से चले। ये सभी धर्मो के लिए है, चाहे वो हिन्दू हो या क्रिस्चियन हो या बुद्ध को मानने वाले हो। भारत की पहचान एकता में अनेकता ही है और यूनिफार्म सिविल कोड इस हिसाब से सही नहीं है।
समाजवादी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष माननीय मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आज की यह ऐतिहासिक रैली मोदी की जनसभा का मुंह तोड़ जवाब है। उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई किसी का समर्थक नहीं है, हम सब समाजवादी है और सभी को समाजवाद के झंडे को बुलंद करना है। मुलायम ने कहा कि भीड़ संदेश दे रही है कि मिशन 2017 का आगाज हो गया है और सरकार हमारी ही बनेगी।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री बलराम यादव, कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव, कैबिनेट मंत्री राम गोविन्द चौधरी, विधायक अम्बिका चौधरी, पूर्व मंत्री व प्रदेश महासचिव ओम प्रकाश सिंह, सांसद राज्यसभा नीरज शेखर, राज्यमंत्री विजय मिश्र, पूर्व मंत्री व विधायक सैयदा शादाब फातिमा, विधायक सैदपुर सुभाष पासी, विधायक जखनियां सुब्बा राम, विधायक मुहम्मदाबाद, सदस्य विधान परिषद विजय कुमार यादव, विधायिका जंगीपुर श्रीमती किस्मतिया देवी, अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य डा0 विरेन्द्र यादव, राज्यमंत्री रामआसरे विश्वकर्मा, जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा, नारद राय, सदानन्द यादव आदि समेत अनेकों नेता उपस्थित थे।