लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में डाॅ0 शेख नगीनवी की उर्दू भाषा में लिखी गयी पुस्तक ‘दबिस्ताने-बिजनौर’ का लोकार्पण किया तथा डाॅ0 नगीनवी ने उन्हें अपनी पुस्तक की प्रथम प्रति भी भेंट की। उल्लेखनीय है कि पुस्तक ‘दबिस्ताने-बिजनौर’ में जिला बिजनौर के साहित्यकारों विशेषकर उर्दू साहित्यकारों के बारे में उर्दू लेखकों द्वारा लिखे गये लेखों का संकलन है।

राज्यपाल श्री राम नाईक ने डाॅ0 शेख नगीनवी ‘बिजनौर’ को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि आगे भी साहित्य सृजन करते रहें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही ‘दबिस्ताने-बिजनौर’ का हिंदी रूपांतरण भी आये, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग बिजनौर के समृद्ध साहित्य के बारे में जान सकें। राज्यपाल ने कहा कि उर्दू एक मीठी जुबान है, जो हर किसी को सुनने और पढ़ने में अच्छी लगती है। उन्होंने कहा कि उर्दू उत्तर प्रदेश की दूसरी सरकारी भाषा है, इस दृष्टि से उन्होंने अपने मराठी संस्मरण संग्रह ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का उर्दू अनुवाद भी करवाया।

पुस्तक का परिचय कराते हुये डाॅ0 शेख नगीनवी ने बताया कि विश्व स्तर पर उर्दू भाषा को परवान चढ़ाने में जिला बिजनौर का महत्वपूर्ण योगदान है। उर्दू की कोई ऐसी विधा नहीं है जिस पर बिजनौरियों ने काम न किया हो। यह पुस्तक शोधार्थियों, शिक्षकों और उर्दू प्रेमियों के लिये बड़ी अहम है।

राज्यपाल ने अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के उर्दू संस्करण की प्रति डाॅ0 नगीनवी को उपहार स्वरूप दी। इस अवसर पर पत्रकार श्री फाखिर किदवई व काज़ी अजीजुल हसन आदि भी उपस्थित थे।