लखनऊ: नोटबंदी के बाद शुरू हुई तमाम दुश्वारियों को दूर करने के लिए जहां रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) रोज नए-नए नियम ला रही है, वहीं राजनीतिक दल जनता को हो रही परेशानियों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने भी नोटबंदी को प्रधानमंत्री का जनता के साथ किया गया क्रूर मजाक कहा है।

रालोद उप्र के अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा अचानक एक हजार और पांच सौ के नोटों पर पाबंदी लगाकर देश की जनता के साथ क्रूर मजाक किया है, क्योंकि देश के किसानों के लिए रबी की फसल की तैयारी करना, आम जनता के समक्ष बच्चों की शादियां तथा गरीब जनता के लिए दो जून की रोटी आदि अहम समस्याएं हैं।

डॉ. अहमद ने कहा कि देश की जनता की सुविधाओं का ध्यान रखना भी मुखिया का कर्तव्य होता है, जिसमें केंद्र सरकार फेल रही है। आम जनता में कालेधन के खिलाफ जनभावना है और निर्णय सम्मान योग्य है, मगर प्रबंधन ऐसा होना चाहिए था कि जनता को असुविधा न होती।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश के समस्त जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वह राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से भेजे, जिसमें जनता की असुविधाओं के साथ-साथ जन मानस की मांगों का भी जिक्र किया जाए।