बुलंदशहर गैंगरेप मामले में विवादित बयान पर सुप्रीम ने फटकारा

नई दिल्ली: यूपी के मंत्री आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को कहा कि वह बुलंदशहर गैंगरेप को राजनैतिक साजिश बताने के अपने कथित बयान पर बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं।

आजम ने आग्रह किया कि कोर्ट इस मामले में और आगे कार्रवाई न करे। रेप पीड़ित बच्ची और उसकी मां ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आजम खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। यह याचिका अधिवक्ता किसलय पांडे ने दायर की थी।

खां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब माफी की पेशकश की तो जस्टिस दीपक मिश्रा और अमिताव राय की पीठ ने कहा कि वह यह माफीनामा शपथपत्र के रूप में दो हफ्ते में दायर करें। पीठ ने उन्हें फटकार भी लगाई कि सार्वजनिक पद पर बैठा व्यक्ति और सरकार के प्रतिनिधि को अपराधों पर टिप्पणियां कैसे करने दी जा सकती हैं। वह यह कैसे कह सकता है कि अपराध राजनैतिक साजिशों का नतीजा है, जबकि उसका इससे कोई लेना देना न हो।

सुनवाई के दौरान खां के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि खां के बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने साजिश शब्द का प्रयोग नहीं किया। पांडे ने कहा कि खां ने बयान की जो सीडी कोर्ट में दी है उसमें से साजिश वाला सवाल ही हटा दिया गया है।

मामले में नियुक्त एमाइकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता फाली एस नारीमन ने कहा कि कोर्ट को मंत्रियों या जनसेवकों के व्यवहार पर कानून बनाना चाहिए जो कोई भी टिप्पणी करके साफ निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि खां से प्रेस द्वारा सवाल पूछा गया तो उन्हें साधारणतया यही कहना चाहिए था कि पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को देने का आदेश दिया है तो कुछ समझ कर ही दिया होगा। इसलिए इस मामले को ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम खां को जेल नहीं भेज सकते लेकिन हम निश्चित तौर पर उन पर सार्वजनिक कानूनी राहत के तहत जुर्माना लगा सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी कोर्ट की मदद करें। कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में दिशानिर्देश जारी करेंगे कि मंत्रियों और जनसेवकों को अपराधों के बारे में टिप्पणियां करने पर कैसे जिम्मेदार बनाया जाए। पीड़ित को उसकी रिहायश के नजदीक केंद्रीय विद्यालय में भर्ती करने का आदेश देते हुए कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि इस पूरा खर्च उठाया जाए। सरकार ने बताया कि अब तक उन्हें 10 लाख रुपये की राहत और हथियार का लाइसेंस भी दे दिया गया है। वहीं दो फ्लैट भी उन्हें दिए गए हैं। इस पर कोर्ट ने हंसकर कहा कि इतना क्यों दे दिया।