नई दिल्‍ली। बेशक देश भर में 500 और 1000 रुपये के नोट को लेकर हो-हल्‍ला मचा हुआ है, लेकिन हवाला और सर्राफा करोबारियों ने काले धन पर हाथ मिला लिया है। काले धन को ठिकाने लगाने का तरीका खोज लिया है। 32 हजार रुपये वाला सोना 42 हजार रुपये में खरीदा और बेचा जाएगा। इतना ही नहीं नगदी का पर्चा भी काटा जाएगा। बुधवार को पश्‍चिमी उत्‍तर प्रदेश में हुई हवाला कारोबारियों की बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई है।

बुधवार की दोपहर हवाला कारोबारियों और सर्राफा कारोबारियों की एक बैठक हुई थी। काफी देर तक चली बैठक में आगे तक के लिए कोई ठोस रास्‍ता बेशक नहीं निकला हो, लेकिन मौजूदा वक्‍त के लिए एक छोटा रास्‍ता जरूर निकाल लिया है। बैठक में मौजूद रहे सूत्रों की मानें तो हवाला करोबारी सोने की खरीद करेंगे। बिना किसी लिखा-पढ़ी के भुगतान करेंगे। लेकिन सर्राफा कारोबारियों ने भी मौके का फायदा उठाकर 32 हजार रुपये वाले सोने का भाव 42 हजार रुपये कर दिया।

सर्राफा बाजार के जानकार बताते हैं कि किसी भी सर्राफ के लिए यह बड़ा ही आसान है। वो तो सोने का नम्‍बर एक में पर्चा काट देगा। बिक्री किए गए सोने पर टैक्‍स भी दे देगा। दस किलो सोना बेचने वाला 40-40 किलो तक सोना बेच रहा है। बैठक के बाद से तो मोबाइल पर ही डीलिंग हो गई है। हवाला वालों ने रुपया सर्राफ के यहां भेज दिया है। सोना आता रहेगा। देर रात तक सर्राफ पर्चा काटने में लगे रहे। यह अलग बात है कि वो किसके नाम से और किस पैन नम्‍बर पर पर्चा काट रहे हैं, यह नहीं पता।

इतना ही नहीं कुछ सर्राफ तो बिना सोना बिक्री के भी नगद का पर्चा काट रहे हैं। यह कालेधन को नम्‍बर एक करने का यह तरीका कुछ इस तरह से है कि जिसके पास नम्‍बर एक में रकम है वो आपसे एक करोड़ रुपये लेकर 70 लाख आपके बैंक खाते में डाल देगा। यहां यह दिखाया जाता है कि आप आपस में दोस्‍त हैं और आपको रुपये की जरूरत थी, इसलिए आपने उधार लिए थे जो कुछ दिन बाद बैंक द्वारा ही आप वापस कर रहे हैं। यह तरीका अपना कर भी खूब आनलाइन लेन-देन किया जा रहा है।
इस बारे में सर्राफा बाजार, आगरा के अध्यक्ष मुरारीलाल फतेहपुरिया ने कहा कि ये सब बड़े व्यापारी कर रहे हैं जिनके पास बड़ी मात्रा में सोना है लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसे व्यापारियों की संख्या कितनी है। ये तो सरकारी लोगों को देखना चाहिए।
आगरा के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडेय ने कहा कि इस मामले को मैं खुद एसएसपी से अभी दिखवा रहा हूं। ऐसी किसी भी तरह की अफरा-तफरी नहीं फैलने दी जाएगी।

धान की फसल खेतों में पक कर तैयार खड़ी है। अब किसी भी समय किसान अपने हिसाब से फसल काटने को तैयार हैं। धान की फसल खासी महंगी मानी जाती है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए कुछ छोटे हवाला कारोबारियों ने गांवों की और दौड़ लगा दी है। कुछ सीधे तो कुछ बिचौलियों के माध्‍यम से किसानों से संपर्क कर रहे हैं। खेत में खड़ी फसल का सौदा किया जा रहा है। सौदा पटने पर किसान को हाथों-हाथ मुंह मांगे दाम दिए जा रहे हैं। ऐसे में किसान भी खुश हैं कि घर बैठे ही खड़ी फसल के दाम मिल रहे हैं।