लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज रामस्वरूप मेमोरियल ग्रुप आफ कालेजेस द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन कम्प्यूटिंग, कम्यूनिकेशन एण्ड कंट्रोल टेक्नोलाॅजी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कुलाधिपति श्री पंकज अग्रवाल, प्रति कुलाधिपति श्रीमती पूजा अग्रवाल, निदेशक प्रो0 आर0के0 जायसवाल, ले0जन0(अवकाश प्राप्त) ए0के0एस0 चंदेले, सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।

राज्यपाल ने उद्घाटन के उपरान्त अपने सम्बोधन में कहा कि सूचना तकनीक ने दुनिया को एक ‘ग्लोबल विलेज‘ में परिवर्तित कर दिया है। विज्ञान की प्रगति ने विकास के नये रास्ते खोले हैं। विज्ञान की प्रगति को उपयोग में लाते हुये भारत कैसे आगे जा सकता है, हमें विचार करना चाहिए। सूचना क्रांति का उपयोग जनहित में कैसे करें, यह विचार का विषय है। नये आविष्कारों को व्यवहार में कैसे लाया जाये उस पर गहनता से अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी तकनीकी क्रांति की सदी है और देश की ताकत सूचना क्रांति पर निर्भर है।

श्री नाईक ने कहा कि विज्ञान से आम आदमी के जीवन में कैसे सुधार आ सकता है इस पर व्यापक विचार-विमर्श होना चाहिए। देश की दो तिहाई आबादी गांव में रहती है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का जीवन वैज्ञानिक तंत्र के माध्यम से ऊपर उठाया जा सकता है। 2025 तक भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा। बढ़ती हुई आबादी को जनोपयोगी बनाने में वैज्ञानिक अपनी भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि हमारे युवा उचित मार्गदर्शन से देश की पूंजी साबित हो सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि ‘‘ मैं ना तो कृषि क्षेत्र का विशेषज्ञ हूँ और न ही तकनीकी ज्ञान का विशेषज्ञ‘‘ मेरे पास स्मार्ट फोन है पर उसका प्रयोग सीमित है। गूगल ज्ञान का भण्डार है और ज्ञान भारत की विशेषता है। तकनीक से जुडे़ विशेषज्ञ ज्ञान के भण्डार का उपयोग देश में परिवर्तन लाने के लिये करें। छात्र-छात्राओं को व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।