जेल में अपराधियों की सर्जिकल स्ट्राइक भी रही बे- नतीजा

आसिफ मिर्जा

सुलतानपुर। अधिवक्ता विजय प्रताप हत्याकांड की गुत्थी पुलिस और वकीलों की महापंचायत के बीच उलझकर रह गयी है। पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक भी बे-
नतीजा है। जल्द अपराधियों का पकड़ा न जाना भी अधिवक्ता के परिजनों के लिए खतरे की घंटी से कम नही है।

कोतवाली नगर के रामनगर निवासी अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह बीते 28 अक्टूबर को घर से न्यायालय आ रहे थे। रास्ते में हुए प्राणघातक हमला और 29 अक्टूबर की रात्रि में केजीएमयू में उनका निधन हो गया था। पहले दिन अधिवक्ताओं की पंचायत हुई, जिसमें अधिवक्ताओं पर ही मुकदमा कायम हुआ। 8
नवम्बर को महापंचायत हुई। महापंचायत के मुख्य अतिथि चेरयमैन बार कौंसिल अनिल प्रताप सिंह ने कहा कि महसूस हो रहा है कि अब प्रदेश के अधिवक्ताओं
को नई दिशा मिलने जा रही है। एसोसिएशन की सभी मांगे जायज व उचित बताते हुए सभी को पूरा करने का आश्वासन दिया और कहा कि हमने प्रकरण पर तीन
सद्स्यीय कमेटी बना दी है जो प्रकरण से सम्बन्धित सभी साक्ष्यों को एकत्र कर सीबीआई जाॅच हेतु हाईकोर्ट मे पटीशन फाइल करेगी जिसका पटीश्नर मैं रहूंगा। यह भी कहा कि जब सभी माननीय न्यायालयों से हमें न्याय मिलेगा तो पूरा प्रदेश बन्द रहेगा अधिवक्ता कार्य नहीं करेगें। इधर अधिवक्ता मुखर है उधर पुलिस की सारी कोशिसेे नाकाम है। नगर कोतवाल पहले ही दिन से दावा करते दिखे कि जल्द ही हत्यारो को पकड़ लिया जायेगा। सूत्रो का दावा है कि पुलिस ने जेल मे छापेमारी के दौरान इस हत्याकांड के सुराग ढूढने की कोशिश किया। सर्जिकल स्ट्राइक भी किया लेकिन अभी तक पुलिस कोई खुलासा नही कर सकी है। अधिवक्ता विजय अपने फौजी भाई के हत्या की पैरवी कर रहे थे। उनकी हत्या कर दी गयी। खुलासा न होने से परिवार भी आतंक के साये में जी रहा है। सूत्रो का दावा है कि खुलासे में नाकाम पुलिस का मुददा दिनो-दिन गरमाता ही जायेगा।

ताज्जुब है कि अधिवक्ता हत्याकांड में पुलिस अभी तक पूछताछ के लिए किसी को नही पकड़ पायी। जबकि सपा नेता जगन्नाथ यादव पर कथित फायरिंग मामले में पुलिस ने कायदे कानून तक ताक पर रख दिये। बेगुनाहों को हफ्तों तक पूछताछ के लिए कोतवाली मे बैठाए रखा गया। कईयों के घर दबिश दी गयी। जो चर्चा का विषय बनी हुई है।

नगर कोतवाल आजाद केेसरी ने बताया कि अधिवक्ता हत्याकांड में अभी तक कोई प्रोग्रेस नही है। कुछ होता है तो जानकारी जरूर दी जायेगी।