नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय से लापता हुए छात्र नजीब अहमद को तलाशने की मांग लेकर छात्रों ने रविवार को इंडिया गेट पर प्रदर्शन के लिए जाने का प्रयास किया। इसमें नजीब की मां सहित लगभग 200 छात्र शामिल थे। पुलिस ने इस जगह धारा 144 लागू होने का हवाला देकर प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट जाने से रोका। छात्रों का आरोप है कि उनके साथ मारपीट कर उन्हें जबरन बस में बिठाकर पुलिस थाने ले गई। वहीं पुलिस का कहना है कि नजीब की मां सहित लगभग 100 छात्रों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। किसी के साथ मारपीट नहीं की गई है।

जानकारी के अनुसार रविवार शाम को जेएनयू छात्र संघ की तरफ से इंडिया गेट पर धरना देना तय किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उन्हें लिखित में बताया कि इंडिया गेट के पास धारा 144 लागू है। इसलिए वहां एकत्रित होने की बजाय वह जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन करें।

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और वाम दलों पर इंडिया गेट पर जेएनयू छात्रों का प्रदर्शन आयोजित करने का आरोप लगाया और कहा कि वे नरेन्द्र मोदी सरकार के अच्छे कार्यो को पचा नहीं पा रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि जेएनयू छात्र नजीब अहमद अक्तूबर से लापता है और पार्टी उसके सकुशल लौटने की प्रार्थना करती है, यह त्रासदपूर्ण है कि उनका अभी तक पता नहीं चल सका है।

शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस से जंतर मंतर के लिए अनुमति मांगी गई थी लेकिन वे जानबूझकर इंडिया गेट पर गए जहां अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा था । अरविंद केजरीवाल कुछ दिन पहले जेएनयू परिसर गए थे और छात्रों को ऐसा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने जोर दिया कि विपक्ष के किसी राजनीतिक नेता को लापता छात्र की चिंता नहीं है और वे केवल राजनीति कर रहे हैं।