नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर मंतर पर एक रिटायर्ड फौजी ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली है। वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर एक पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने मंगलवार रात आत्महत्या कर ली। रामकिशन सोमवार को साथियों के साथ छठे और सातवें वेतन आयोग के मुताबिक बढ़ी हुई पेंशन की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।
रामकिशन ग्रेवाल है हरियाणा के भिवानी के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, रामकिशन वन रैंक-वन पेंशन मुद्दे पर सरकार के फैसले से असहमत थे जिसकी वजह से वह अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। रामकिशन ने खुदकुशी से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है। उन्होंने नोट में लिखा है कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं किया है। इस वजह से वो अपनी जान दे रहे हैं। उन्होंने सुसाइड नोट में ये भी लिखा गया है कि वो देश के अपने बहादुर सैनिकों के लिए जान दे रहे हैं।

परिजनों की मानें तो मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया। आनन-फानन में रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान रामकिशन की मौत हो गई। वहीं रामकिशन के छोटे बेटे ने बताया कि उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना उसे फोन पर दी थी. फिलहाल पुलिस इस मामले की तफ्तीश में जुटी है।

इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने सीधे मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी राज में किसान और जवान दोनो आत्महत्या कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल इस घटना के बाद पीड़ित परिवार से मिलने भिवानी जाएंगे। बता दें पिछले साल 22 अप्रैल को राजस्थान के रहने वाले किसान गजेंद्र सिंह ने जंतर-मंतर पर सरेआम खुदकुशी कर ली थी। जिस वक्त यह घटना हुई थी उस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ‘आप’ की रैली में मौजूद थे।