मुलायम की प्रेस कांफ्रेंस में नहीं गए अखिलेश

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच आज मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हमारी पार्टी लोकतांत्रिक है और चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पर फैसला विधायक करेंगे और शिवपाल यादव को वापस पार्टी में लेने का निर्णय अखिलेश यादव लेंगे.

मुलायम ने कहा कि मैं दो-तीन बातें आपके सामने रखना चाहता हूं. हमारी पार्टी लोकतांत्रिक है। जब हमने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था तो सारे लोगों ने नाम रखा था। जब सब लोगों के बीच नाम रखा था तो सबने स्वीकार किया, तो फिर यही होगा। मैं विवादित बात नहीं कहूंगा। 2012 में मेरे नाम पर ही वोट मिला था। मेरे नाम पर बहुमत हुआ था। शिवपाल और बाकी से राय करके अखिलेश को सीएम बनाया था। ये सवाल पूछने पर कि कई नेता चाहते हैं कि आप सीएम बनें, मुलायम ने जवाब दिया, अब 2 महीने के लिए क्या विचार करें। क्या अखिलेश दोबारा सीएम बनेंगे, इस पर मुलायम ने कहा, हमारी पार्टी लोकतांत्रिक पार्टी है। विधायक चुने जाएंगे और वही तय करेंगे।

इस दौरान एक प्रश्‍न पूछने पर सपा सुप्रीमो ने कहा कि अमर सिंह को बीच में क्‍यों लाते हो. उन्‍होंने कहा कि अखिलेश यादव सीएम हैं उनके बारे में क्‍यों पूछते हो. सीएम अखिलेश यादव पर किसी को आपत्ति नहीं है. हमें यूपी की जनता पर पूरा विश्‍वास है. साजिश करने वालों का आधार नहीं. उन्‍होंने साथ ही यह भी कहा कि रामगोपाल यादव की बात की कोई अहमियत नहीं.

मुलायम ने जोर देकर कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में मेरे नाम पर बहुमत आया था. साथ ही उन्होंने साफ किया कि वे खुद सीएम बनने पर विचार नहीं कर रहे हैं. हमारी पार्टी लोकतांत्रिक और विधायक मिलकर मुख्यमंत्री को चुनते हैं.

वहीं सूत्रों के मुताबिक, दो दिन पहले अखिलेश मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त किए गए शिवपाल सिंह यादव समेत सभी चार मंत्रियों की कैबिनेट में वापसी तय है. इसके लिए फॉर्मुला तय कर लिया गया है. रविवार को ही विधायकों, मंत्रियों और एमएलसी की बैठक में अखिलेश ने शिवपाल के अलावा नारद राय, शादाब फ़ातिमा और ओमप्रकाश सिंह को मंत्रिमंडल से निकाला था. माना जा रहा है कि सोमवार को मुलायम से मिली फटकार के बाद अखिलेश को झुकना पड़ा है.

उल्लेखनीय है कि सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाक़ात की, जबकि शिवपाल यादव अखिलेश से मिलने उनके आवास गए, लेकिन अखिलेश ने शिवपाल से मिलने से मना कर दिया, जिसके बाद शिवपाल इंतज़ार करते रहे और फिर वापस लौट गए.