लखनऊ। यूपी में समाजवादी पार्टी (एसपी) कुनबे में फूट का असर पश्चिमी यूपी में दबदबा रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) पर भी दिखाई दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक मुलायम की अजित सिंह से बातचीत के बाद आरएलडी में भी मतभेद पैदा हो गया है। आरएलडी प्रमुख अजित सिंह मुलायम का साथ देने के मूड में हैं तो जयंत अखिलेश के साथ जाने के पक्ष में हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने ताजा राजनीतिक हालातों पर चर्चा की है। अजित ने लखनऊ में तेजी से बदलते घटनाचक्र के बारे में भी एसपी प्रमुख से जानकारी ली थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह और उनकी पार्टी संकट की इस घड़ी में उनके साथ हैं।
अजित सिहं के करीबी सूत्रों ने बताया है कि एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने खुद अजित को रविवार रात फोन किया था। मुलायम ने फोन पर अजित को अपना दर्द सुनाया और आगे की लडाई के लिए उनका साथ भी मांगा। इसपर अजित ने मुलायम से कहा कि वह तो उनके साथ है हीं लेकिन पहले मुलायम अपना घर दुरुस्त करें। अजित सिंह खेमे का मानना है कि राम गोपाल यादव के बाहर जाने के बाद महागठबंधन का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि वही महागठबंधन की राह का रोड़ा थे।
चौधरी अजित के इस कदम को राजनीतिक हलकों में दोनों पार्टियों के बीच फिर से नजदीकियां बढ़ने के नजरिये से भी देखा जा रहा है। बता दें कि अजित सिंह की पार्टी यूपी में नीतीश कुमार की जेडीयू और शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। अजित ने अपने बेटे जयंत को सीएम के रूप में प्रॉजेक्ट किया है लेकिन अगर वह एसपी से नजदीकी बढ़ाते हैं तो इसके उनके लिए क्या राजनीतिक फायदे होंगे, यह बड़ा सवाल रहेगा।
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