बर्खास्त होने की चिंता नहीं, नेताजी के नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में यादव परिवार के बीच घमासान जोरों पर है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है. इस फैसले के कुछ ही देर बाद शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव से मिले. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि सीएम षडयंत्र नहीं समझ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'सीएम साजिश को समझ नहीं पा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि सीबीआई से बचने के लिए कुछ बड़े नेताओं ने बीजेपी से हाथ मिला लिए हैं.

शिवपाल के साथ मंत्री पद गंवाने वालों में नारद राय, शादाब फातिमा और ओम प्रकाश सिंह शामिल हैं. ये सभी शिवपाल के करीबी माने जाते हैं, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के कई कार्यकर्ता बीजेपी से मिल गए हैं और पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि उनका इशारा रामगोपाल यादव की ओर था. शिवपाल यादव विरोधियों पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि बर्खास्त होने की चिंता नहीं, नेताजी के नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ काफी दिनों से साजिश की जा रही थी.

हालांकि अखिलेश ने कहा कि वह पार्टी नहीं तोड़ना चाहते और वह उनके खिलाफ हैं जो अमर सिंह के साथ हैं .मामले के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बता दें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक में यह फैसला लिया और मंत्रियों की बर्खास्तगी की चिट्ठी राज्यपाल राम नाईक को भेज दी गई है. राजभवन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सिफारिश पर मंत्री शिवपाल सिंह यादव, नारद राय, ओम प्रकाश सिंह तथा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सैयदा शादाब फातिमा को पद से बर्खास्त कर दिया है.

बयान के अनुसार इन चारों मंत्रियों को पदमुक्त करने संबंधी फाइल राज्यपाल के अनुमोदन के लिए आज ही राजभवन को प्राप्त हुई. अखिलेश ने शिवपाल और अपने बीच जारी जंग को नया रूप देते हुए यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव सोमवार को पार्टी विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं. ऐसे में सभी की नजरें इस बैठक के बाद मुलायम के फैसले पर होगी.