दलित के मकान के कब्ज़ा विवाद में सपा नेता व् दरोगा पे लग रहे गंभीर आरोप

सुलतानपुर। दलित परिवार को अब न्याय मिलने की उम्मीद ख़त्म हो गई है। महिला ने सपा नेता की गुंडई और पुलिस द्वारा कोई कारवाही नही किये जाने से परेशांन होकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस प्रकरण में दूसरे हलके के दरोगा का पर्सनल इंट्रेस्ट कुछ ज्यादा झलक रहा है।

मामला शहर के विनोवापुरी मोहल्ले का है। जहां पर दलित भगेलू और सपा नेता जगन्नाथ यादव के बीच मकान को लेकर विवाद चल रहा है। भगेलू की पत्नी
इंदरावती ने पिछले दिनो मुख्यमंत्री, डीएम, एसपी को शिकायती पत्र भेजा था कि सपा नेता जगन्नाथ यादव उसके मकान पर कब्जा कर लेना चाहते है। उसे कई
बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। बीते शनिवार को मकान का कमीशन होने के पहले जो हुआ किसी से छुपा नही है। सपा नेता अपने साथियों के साथ पहुंच गये थे। जहां पर गोली कांड और पत्थरबाजी हुई। जिसमंे सपा नेता का साथी अनूप के पैर में गोली लगी थी। जगन्नाथ का कहना है कि मकान की पैमाइस
होनी थी। वह मौके पर जैसे ही पहुंचे असलहाधारी बदमाश फायरिंग करते हुए उन्हे खदेड़ दिया। पत्थरबाजी से इनके दो वाहन तोड़ डाले गये। गोली चलाने
वालो में पप्पू-सिराज आदि सामिल थे। दलित इंद्रवाती का कहना है कि जगन्नाथ यादव दो वाहनो पर सवार होकर कई साथियों के साथ उसके घर पहुंचे और
उसे मकान खाली करने की धमकी दी थी। बाहर निकलकर कई राउंड गोली चलाई।

सच्चाई तो यह है कि गोली दोनों तरफ से चली थी। पुलिस और दीवानी कर्मचारियों के पहले सपा नेता क्यों पहुँच गए ? असल में पुलिस चाहती तो यह मामला निपट जाता। विवादित स्थल सीताकुंड चौकी में आता है लेकिन पूरे मामले की कारवाही शाहगंज चौकी प्रभारी सीताराम यादव कर रहे है। गोली कांड के पहले शाहगंज चौकी पर पंचायत हुई थी। जिसमे दोनों पक्ष पहुंचे थे। गोली कांड की विवेचना भी दरोगा सीताराम ने अपने पास ले लिया है। इंद्रावती का कहना है कि यादव होने की वजह से चौकी प्रभारी जगन्नाथ यादव की पूरी मदद कर रहे है। वोह उसके मकान पे कब्ज़ा करवा देना चाहते है।

दलित इंद्रावती का कहना है कि दरोगा ने एसपी को भी गुमराह कर दिया है। उसके पति को लकवा मार गया है। उसका इलाज चल रहा है वह उठ बैठ नही पा रहा है। उसे भी मुलजिम बना दिया गया। मेराज आर्मी की ड्यूटी में था उसका भी नाम शामिल कर दिया गया है। न्याय देने की बजाय उसका और उसके परिवार का दमन किया जा रहा है। इसलिए उसने न्याय पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया