पटना: कहा जाता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के अपने समकक्ष अखिलेश यादव को काफी पसंद करते हैं, और इसीलिए उन्होंने युवा मुख्यमंत्री को समर्थन के साथ-साथ चुनाव जीतने के लिए एक दोस्ताना सलाह भी दी है – शराबबंदी लागू कर दीजिए…

उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले बेहद अहम विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले इस वक्त 44-वर्षीय अखिलेश यादव को अपने चाचा शिवपाल यादव से 'ताकत' की लड़ाई में जुटे रहना पड़ रहा है, और अब तक अखिलेश के पिता तथा समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव भी बेटे की जगह भाई का साथ देते नज़र आ रहे हैं…

उत्तर प्रदेश के 'प्रथम परिवार' में 'सार्वजनिक रूप से' जारी 'जंग' को लेकर अपनी बात रखते हुए नीतीश कुमार ने कहा, "अखिलेश जी राजनीति का युवा चेहरा हैं, और यदि वह उत्तर प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की हिम्मत जुटा पाते हैं, तो उन्हें विधानसभा चुनाव जीतने के लिए किसी के समर्थन और छ्त्रछाया की ज़रूरत नहीं पड़ेगी…"

नीतीश कुमार ने साफ कहा कि अगर अखिलेश यादव यूपी में शराबबंदी की घोषणा कर देते हैं, तो वह उन्हें समर्थन देने से कतई नहीं हिचकेंगे. पिछले साल शराबबंदी का वादा कर महिला वोटरों के शानदार समर्थन से लगातार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने कहा, "खतरा उठाए बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता, सो, जब तक आप कुछ बड़ा फैसला नहीं करते, बड़े राजनैतिक लक्ष्यों को हासिल करना मुमकिन नहीं…"

नीतीश कुमार भले ही अखिलेश यादव को पसंद करते दिख रहे हैं, लेकिन पिछले साल बिहार में समाजवादी पार्टी से चुनावी गठबंधन बनाने के दौरान 'गड़बड़ी' हो जाने की वजह से उनका लगाव और समर्थन खिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के लिए वैसा नहीं है. दरअसल, मुलायम सिंह यादव ने नीतीश के नेतृत्व में बनाए जा रहे बीजेपी-विरोधी महागठबंधन से आखिरी वक्त पर यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि उनकी पार्टी को लड़ने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं दी जा रही हैं.