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इस दीवाली घर सजाना हो तो भी आइए पुस्तक मेले

लखनऊ इस दीवाली घर सजाना हो तो भी पुस्तक मेले आइए। यहां हिन्दी, अंग्रेज़ी व उर्दू साहित्य की किताबों की भरमार तो है ही, साथ ही माडर्न आर्टिस्टक सामग्री भी खूब है। कला और अपनी विशिष्ट संस्कृति के लिए समूची दुनिया में अलग पहचान रखने वाले इस नवाबी शहर में मोतीमहल वाटिका लान राणाप्रताप मार्ग में लगा ये गागर में सागर पुस्तक मेला कला प्रेमियों को भी बहुत भा रहा है।
दिल्ली की ललित कला अकादमी के स्टाल पर मशहूर भारतीय पेंटरों के कृतियों के फ्रेम कराने लायक पोस्टर यहा 10 रुपये से सौ रुपये में मिल रहे हैं। एस.एच.रजा, सतीश गुजराल, अंजलि इला मेनन, वीरेन डे, विकास भट्टाचार्य, एम रामचन्द्रन, शक्ति बर्मन, अनुपम सूद, व अर्पिता सिंह के पोर्टफोलियो यहां दो सौ से पांच सौ रुपये में उपलब्ध हैं। लोककृतियों पसंद करने वालों के लिए यहां मधुबनी शैली में तैयार कृतियों का अनूठा पोर्टफोलियो उपलब्ध है। साथ ही मशहूर कलाकारों के मोनोग्राफ और कला विषयक पुस्तकें भी यहां खूब हैं। माडर्न सोच के साथ युवा कलाकार जयंतिका ने यहां अपने कम्यूटर ग्राफिक पोस्टरों का अभिनव स्टाल सजाया है। ये रंगीन आर्टिस्टिक पोस्टर यहां फ्रेम्ड और अनफ्रेम्ड दोनों ही रूपों में उपलब्ध हैं। फ्रेम्ड पोस्टर 350 और अनफ्रेम्ड पोस्टर 70 रुपये के हैं। इसके अलावा स्टाइलिश टी-कोस्टर भी हैं। पुस्तक मेले में फेंग्शुई विज्ञान पर आधारित स्टोन ट्री, लाफिंग बुद्धा और दूसरी सजावटी सामग्री भी खूब है। इसके साथ ही स्कूलों-विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साइंटिफिक उपकरणों के स्टाल भी पुस्तक मेले में सजा है। मेले में साहित्य भण्डार, पुस्तक महल, यूनिकार्न, राजा बुक पाकेट, अमन प्रकाशन, ओशो, साहनी डिक्शनरी, किताबघर, डायमण्ड, राजपाल एण्ड संस, हिन्द पाकेट बुक्स, पी.एम. पब्लिकेशन, वाणी प्रकाशन, तिरुमाला साफ्टवेयर, स्कालर हब, ग्रॉलियर, हिन्दी माध्यम कार्यान्वयन दिल्ली विश्वविद्यालय, साहित्य भण्डार आगरा, गिडसन, मंजुल प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन आदि के स्टाल भी हैं।

महिला सशक्तीकरण पर केन्द्रित पुस्तक मेले में आज साहित्यकार शिरामणि सम्मान से वयोवृद्ध महिला लेखिका स्वरूपकुमारी बक्शी को संरक्षक मुरलीधर आहूजा, व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी व संयोजक देवराज अरोड़ा ने 11 हजार की राशि, अंगवस्त्र व स्मृति चिह्न आदि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सम्मानित रचनाकार ने काव्यपाठ किया। बहुमुखी प्रतिभा की धनी बक्शी दीदी के बारे में जहां विद्या विंदु सिंह, सर्वेश अस्थाना, डा.अमिता दुबे व उनकी पुत्री ऊषा मालवीय आदि ने विचार व्यक्त किये वहीं शास्त्रीय गायिका सुनीता झिंगरन ने उनकी एक संगीतबद्ध रचना सुनाई। इसके अलावा आसमां की छांव में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ व काव्य गोष्ठी हुई।
बच्चों की प्रतियोगिता संयोजक ज्योति किरन रतन के संयोजन में आज हुई गायन आदि की प्रतियोगिता में अग्रिमा, रिद्धिमा, अश्वित, भूमिका आदि ने भाग लिया।

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