लखनऊ: ‘साहित्य समाज का दर्पण होता है’। किसी भी समाज के विषय में जानने के लिए हम उस समाज से संबंधित साहित्य का अध्ययन करते हैं। यह साहित्य ही है जो हमें सम्पूर्ण विश्व की विविधताओं का ज्ञान कराती है। यह बड़े हर्ष की बात है कि आज यहां मुझे सिन्धी समाज के मूर्धन्य साहित्यकारों से मिलने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इस समाज का इतिहास भी लगभग 1000 वर्ष का है। यह एक लम्बी यात्रा है और इतनी लम्बी अवधि बीत जाने के बाद आज भी उसी स्वाभिमान के साथ सिन्धी समाज के लोग सभी समुदायों के साथ आपस में मिल-जुल कर रहते आ रहे हैं।
श्री राजेन्द्र चैधरी उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी द्वारा आज यहाँ कराये जा रहे द्वि-दिवसीय प्रादेशिक सिन्धी साहित्यकार सम्मेलन का उद्घाटन आलमबाग स्थित शिवशक्ति आश्रम में कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने जेठो लालवाणी द्वारा लिखित ‘साहित्य-साहित्यकार’ पुस्तिका का विमोचन भी किया।
श्री चैधरी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भाषाओं के विकास के प्रति काफी सजग हैं और इसी सजगता के चलते उन्होंने सिन्धी अकादमी के विकास एवं उन्नति के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता दी है ताकि इन भाषाओं और इनके साहित्य को भी बढ़ावा दिया जा सके।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अकादमी के उपाध्यक्ष श्री अमृत राजपाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सिन्धी अकादमी का गठन कर सिन्धी भाषा का मान-सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अकादमी की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अकादमी की अनुदान राशि में भी बहुत बढ़ोत्तरी की है, जिसके लिए अकादमी और सिन्धी समाज उनके प्रति आभारी रहेगा।
इस अवसर पर श्री अमृत राजपाल ने मुख्य अतिथि को एक पांच सूत्री ज्ञापन भी मुख्यमंत्री के विचारार्थ सौंपा। इस ज्ञापन में सिन्धी अकादमी की पुरस्कार/सम्मान योजना को मंजूर किये जाने, आगामी विधान सभा चुनाव के बाद सिन्धी समाज के दो व्यक्तियों को विधान परिषद में नामित किये जाने, आलमबाग स्थित मेट्रो स्टेशन का नाम शहीद कंवर राम चैक रखे जाने, पी0सी0एस0 परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में सिन्धी भाषा को शामिल किये जाने तथा अकादमी के लिए स्थाई भवन उपलब्ध कराये जाने का पुरजोर अनुरोध किया गया है।