पटना: "बिहार में किसी डॉन के लिए जगह नहीं, और जो भी बाहर दिखेगा, उसे अंदर जाना पड़ेगा " यह वादा किया है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, जो बिहार इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन की बैठक में कारोबारियों को तसल्ली देते हुए बोल रहे थे. नीतीश कुमार ने साफ किया कि कारोबारियों को डरना नहीं चाहिए, निवेश करना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों (डॉन) पर कानून अपना काम करेगा, और कोई भी डॉन बाहर नहीं रहेगा.

मुख्यमंत्री के इस वादे के बाद माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने फैसला कर लिया है कि किसी भी दल का कितना भी प्रभावशाली नेता क्यों न हो, अपराधी होने पर उसे जेल में ही रहना पड़ेगा. कुछ लोग इसे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं.

सोमवार को मोहम्मद शहाबुद्दीन की ज़मानत रद्द करने की बिहार सरकार की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट से इस बात पर राज्य सरकार को फटकार लगाई गई थी, और कहा गया कि जब पटना हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को ज़मानत दी थी, तब राज्य सरकार ने उसके खिलाफ अपील दायर करने में जल्दी क्यों नहीं दिखाई. और अब नीतीश कुमार के इस बयान को इसी फटकार से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि नीतीश अपने बयान से यह साबित करने की कोशिश में लगे हैं कि राज्य सरकार आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतने वाली.

उधर, सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार तथा चंदा बाबू की याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी, जिसमें यह फैसला होगा कि शहाबुद्दीन जेल के बाहर रहेंगे या फिर सलाखों के पीछे जाएंगे. लेकिन नीतीश कुमार के तेवरों से साफ है कि फिलहाल वह इस मुद्दे पर आरजेडी के दबाव में नहीं आने वाले. दूसरी ओर, आरजेडी के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार की असली परीक्षा यही होगी कि जिस तरह के कड़े तेवर वह उनकी पार्टी के पूर्व सांसद के लिए दिखा रहे हैं, क्या अन्य बाहुबलियों के प्रति भी उनका रुख इतना ही गर्म और कड़ा होगा.