लखनऊ। खाट से चर्चाओं में चल रही कांग्रेस अब चुनावों के लिए उम्‍मीदवारों की तैयारी में लग गई है। खाट की चर्चाओं को वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं छोड़ना चाहती है। यही वजह है कि खाट चर्चा के बीच वह जल्‍द से जल्‍द उम्‍मीदवारों की घोषणा कर सकती है। प्रचार के मामले में भाजपा से आगे चल रही कांग्रेस अब उम्‍मीदवारों की घोषणा में भी भाजपा को पीछे छोड़ना चाहती है। अक्‍टूबर में यूपी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पहली सूची जारी कर सकती है। उम्‍मीदवारों की घोषणा के मामले में पार्टी पहला दांव 2012 चुनाव के विनर और रनर पर खेलने जा रही है। सूबे में पार्टी दिग्‍गजों और रनर-विनर को मिलाकर करीब सवा सौ उम्‍मीदवारों की सूची जारी हो सकती है।

उम्‍मीदवारों की सूची के इंतजार को कांग्रेस जल्‍द खत्‍म कर सकती है। कांग्रेस खेमे में सूची तैयार करने को लेकर काम चल रहा है। पहली सूची में करीब सौ से सवा सौ लोगों के नाम की घोषणा होने की उम्‍मीद लगाई जा रही है। खास बात यह है कि पहली सूची में पार्टी अपने मौजूदा विधायक और वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्‍मीदवारों की टिकट की घोषणा कर सकती है। सूत्रों की मानें तो मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं। वहीं 31 ऐसे भी उम्‍मीदवार हैं जो पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान दूसरे नंबर पर रहे थे।

यह वो उम्‍मीदवार हैं जो बहुत ही कम अंतर से अपने विरोधी उम्‍मीदवार से चुनाव हारे थे। जानकारों का मानना है कि जिस तरह से कांग्रेस चुनावी चाणक्‍य प्रशांत किशोर के साथ मिलकर यूपी में रणनीति तैयार कर रही है, उससे तो रनरअप की यह संख्‍या कोई भी गुल खिला सकती है। पार्टी विधायकों संग ऐसे उम्‍मीदवारों को भी चिन्‍हित करने का काम कर रही है। चर्चा है कि अक्‍टूबर तक कांग्रेस वर्ष 2017 यूपी विधानसभा चुनावों के लिए उम्‍मीदवारों की पहली सूची जारी कर देगी। पार्टी पदाधिकारियों संग विरोधी दलों की निगाहें भी अब कांग्रेस की आने वाली पहली सूची पर लग गई हैं। जानकारों की मानें तो इसके पीछे एक बड़ी वजह कांग्रेस का खाट कार्यक्रम भी है। बेशक राहुल के कार्यक्रमों के दौरान खाट की लूट मची हुई है। लेकिन कम से कम खाट की इस लूट से कांग्रेस सियासी चर्चा का एक बड़ा केंद्र बन गई है।