न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा बुरहान वानी को नौजवान नेता कहे जाने पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने उसे तथ्यविहीन और धमकी से भरा बताया और कहा कि उनके द्वारा विश्व मंच पर हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी का महिमामंडन पाकिस्तान द्वारा आत्म दोषारोपण का कृत्य है।

विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा जैसे एक मंच पर एक राष्ट्र के नेता द्वारा ‘स्व प्रचारित आतंकवादी की सराहना’ करना चौंकाने वाली घटना है। संयुक्त राष्ट्र में कल शरीफ के आम बहस को संबोधन पर यहां पर भारतीय संवाददाताओं को संबोधित करते हुये अकबर ने कहा कि हमने एक आतंकवादी के स्तुतिगान के बारे में सुना है। बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का स्वघोषित कमांडर था, यह संगठन एक आतंकवादी संगठन के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से जाना जाता है।

अकबर ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह खुद को दोषी ठहराना है। हमने सिर्फ खतरे, धमकी से भरा एक भाषण सुना जिसकी व्याख्या केवल बढ़ती अपरिपक्वता और तथ्यों की पूर्ण उपेक्षा के रूप में की जा सकती है। अपने करीब 20 मिनट के भाषण में लगभग आधे समय वह कश्मीर पर केंद्रित रहे। शरीफ ने कश्मीरियों के स्वतंत्रता संग्राम के ‘प्रतीक’ के रूप में वानी की सराहना की।

एमजे अकबर ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि यह हैरानी की बात है कि पाकिस्तान एक आतंकी को हीरो बता रहा है। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर में खूनी खेल खेलने वाले आतंकी बुरहान वानी की तारीफ कर पाकिस्तान ये कबूल कर रहा है कि वह आतंक का पक्षधर है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में शरीफ के भाषण के बाद भारत के स्थायी मिशन में संवाददाता सम्मेलन में विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि हमने अभी-अभी धमकियों और बढ़ती अपरिपक्वता और तथ्यों की अवहेलना से भरा पूरा भाषण सुना। उन्होंने वानी का महिमामंडन करने के लिए शरीफ की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान सरकार की ब्लैकमेल करने की रणनीति के आगे नहीं झुकेगा, जो लगता है कि आतंकवाद का इस्तेमाल नीति के तौर पर करने को उत्सुक है।