चंडीगढ़: क्रिकेटर से राजनेता और फिर टीवी पर्सनालिटी बने नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे. यह जानकारी उन्होंने एक प्रेस रिलीज जारी करके दी है.

सिद्धू ने कहा कि पार्टी खड़ी करने के लिए 2-3 साल का समय लगता है. पार्टी बनाकर वह बादल-अमरिंदर के खिलाफ वोट बांटना नहीं चाहते हैं.

सिद्धू ने कहा कि सियासी मंच 'आवाज-ए-पंजाब' अभी भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि लुधियाना के बैंस बंधुओं, परगट सिंह के साथ शुरू किया गया सियासी मंच पंजाब में चुनाव तक बना रहेगा.

सिद्धू के करीबी लोगों की मानें तो सितंबर के बाद वह 'कपिल शर्मा शो' में नहीं दिखेंगे. सिद्धू को इस शो से सालाना 25 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. वह एक अक्टूबर को अमृतसर पहुंच रहे हैं जहां उनके जोरदार स्वागत की तैयारी चल रही है. सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने हाल ही में बताया था कि उनके पति पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि पंजाब की ज़िम्मेदारी से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है. इससे साफ माना जा रहा है कि अब वह जल्द ही कपिल शर्मा शो को भी आखिरी सलाम करने वाले हैं.

उल्लेखनीय है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी छोड़ी है या नहीं यह बात कई दिनों तक साफ नहीं हो पाई थी. लेकिन 14 सितंबर को इस बात का खुलासा हुआ कि दो महीने से सिद्धू के अगली राजनीतिक पार्टी को चुनने की कवायद चल रही थी लेकिन इस बीच उन्होंने बीजेपी छोड़ी नहीं थी. यानि जुलाई में राज्यसभा से इस्तीफा देने के वक्त, अरविंद केजरीवाल से बातचीत के दौरान और न ही 'आवाज़ ए पंजाब' की घोषणा के समय सिद्धू ने बीजेपी से इस्तीफा दिया. सिद्धू ने बीजेपी ने नाराजगी की सबसे बड़ी वजह बताई कि उन्हें पार्टी ने पंजाब से दूर रहने के लिए कहा. जो उनके लिए संभव नहीं था.

बता दें कि दो हफ्ते पहले ही 52 साल के सिद्धू ने यह कहते हुए नई पार्टी की घोषणा की थी कि आप के साथ हाथ मिलाने की बात नहीं बन पाई. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह पार्टी में ऐसे लोग चाहते हैं जो उनकी 'हां में हां' मिलाए. साथ ही सिद्धू ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने उनसे कहा था कि वह अगले साल होने वाले पंजाब चुनाव में हिस्सा नहीं लें.

ऐसा माना जा रहा है कि अब नए मंच में सिद्धू मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे और उन्होंने 'एक जैसे विचारों' के लोगों को पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. वैसे सिद्धू ने सिर्फ आप को ही नहीं पंजाब में कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह को भी न में ही जवाब दिया है.

इससे पहले जुलाई महीने में नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया. वह पिछले 12 साल से बीजेपी के साथ जुड़े हुए थे. उनकी शिकायत थी कि 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अमृतसर से चुनाव लड़ने नहीं दिया जबकि दस साल तक उनका इस सीट पर कब्ज़ा रहा. बता दें कि सिद्धू की जगह 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अरुण जेटली को खड़ा किया था. जो अमरिंदर सिंह से हार गए थे. स्थानीय बीजेपी नेताओं ने सिद्धू पर जेटली के वोटों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था.