लखनऊ :इतिहास गवाह है की जब नौजवानों ने क़ुरबानी दी है तभी समाज और देश में बदलाव आया है और आज हमारी आजमाइश का वक़्त है। ऐसे वक़्त में धैर्य से काम लेने का संस्कार हमें हमारे नेता ने सिखाया है। मैं इस चुनौतीपूर्ण समय में यह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि मैं अपनी ज़िन्दगी की आखिरी सांस तक समाजवादी रहूँगा। यह बात मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद एबाद ने आज कही। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीब होने की आज उन्हें चुकानी पड़ी और समाजवादी पार्टी में पिछले कुछ दिनों से चल रही उठापटक का शिकार होना पड़ा क्योंकि मोहम्मद एबाद ने अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने का जमकर विरोध किया था जो नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को पसंद नहीं आया और आज उन्होंने एबाद समेत अखिलेश यादव के कई करीबी लोगों को अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर पार्टी से निकाल दिया । मोहम्मद एबाद ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि मेरी आस्था मुलायम सिंह यादव में है और मैं अखिलेश सिंह यादव का सिपाही हूँ। आज मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि भले ही पार्टी ने मुझे अपने से दूर कर दिया हो लेकिन मुलायम सिंह के संस्कारो की विरासत से हमें कोई जुदा नहीं कर सकता। जिस तरह से पार्टी की नीतियों और योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए काम करते थे उसी तरह से आगे भी समाजवादी सरकार की योजनाओं और मुख्यमंत्री की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाते रहेंगे और युवाओं से अपील करते हैं की हताश और परेशान न हों. साथियों किसी भी इंक़लाब के लिए युवाओं को अपनी क़ुर्बानी देनी ही पड़ती है चाहे वो आज़ादी की जंग को या आज का मंजर। लेकिन इतिहास गवाह है कि युवाओ की क़ुर्बानी कभी खाली नहीं गयी है. लिहाजा मैं अपने युवा साथियों से अपील करता हूँ कि वह समझदारी का परिचय देते हुए सामजवादी योजनाओ को जन-जन तक पहुचाने के अपने मिशन को और तेजी से पूरा करते रहें और मिशन 2017 के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए चुनाव प्रचार की गति को धीमा न पड़ने दें ताकि 2017 के विधान सभा चुनावो में अखिलेश यादव जी को पुन: पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का अपना संकल्प करें. मज़लूमो, बेसहारो, किसानों, मज़दूरों के लिए संघर्ष कर रहे अखिलेश यादव के कारवां का मैं सिपाही था, हूँ और ज़िन्दगी भर रहूँगा।