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विकलांगता प्रगति के आडे़ नहीं आती

दृष्टिहीन स्वयं नेत्रदान की मुहिम चलायेंगे तो उसका समाज पर ज्यादा असर होगा: राज्यपाल

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज नेशनल एसोसिएशन फार ब्लाइंड (इण्डिया) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शारीरिक रूप से अशक्त लोगों को दिव्यांग का शब्द दिया है। विचारों में परिवर्तन होता है तो कृति में भी परिवर्तन होता है। रियो ओलम्पिक में हम केवल रजत और कांस्य पदक प्राप्त कर पाये जबकि पैरा ओलम्पिक में भारत को दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक मिला है, जिसने यह साबित कर दिया है कि दिव्यांगजन सक्षम लोगों से भी आगे हैं। इस जीत ने यह भी विश्वास पैदा किया है कि विकलांगता प्रगति के आडे़ नहीं आती है। उन्होंने कहा कि मजबूरों में भी विश्वास जगाकर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
श्री नाईक ने कहा कि यदि दृष्टिहीन स्वयं नेत्रदान की मुहिम चलायेंगे तो उसका समाज पर ज्यादा असर होगा। अभियान चलाकर नेत्रदान के लिये समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है। नेत्रदान से किसी दूसरे को नया जीवन मिल सकता है। इस विचार से काम करें तो दिव्यांग भी हमारी ताकत बन जायेंगे और देश के लिए एक पूंजी साबित होंगे। मन में विश्वास हो तो आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के बाद दृष्टिहीनों को पूंजी में परिवर्तित कर आगे बढ़ाने पर विचार करें।
राज्यपाल ने कहा कि 2020 तक विश्व में भारत सबसे युवा देश होगा। हमारे देश में बाल मृत्यु दर कम हुई है तो औसत आयु में भी वृद्धि हुई है। युवाओं को सही दिशा मिलेगी तभी वे देश के लिए पूंजी साबित होंगे अन्यथा वे एक जिम्मेदारी भी बन सकते हैं। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके जन्म दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज उनके जन्म दिवस के साथ-साथ विश्व का निर्माण करने वाले विश्वकर्मा की जयंती भी है। उन्होंने कहा कि वे अपनी ओर से तथा प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री को उनके जन्म दिवस पर बधाई देते हैं।
पूर्व सांसद श्री लालजी टण्डन ने कहा कि देश बदल रहा है। शारीरिक कमी होने के कारण यह मानना कि वह व्यक्ति किसी से कम है, उचित नहीं है। भारत के इतिहास में दिव्यांगजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सूरदास का उदाहरण देते हुए कहा कि सूरदास ने ऐसा साहित्य लिखा जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बहुत से लोग है जो दिव्यांग हैं, परन्तु समाज की सेवा कर रहे हैं।
इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ0 अरूण शर्मा तथा राष्ट्रीय महासचिव श्री सत्यकुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे।

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