नई दिल्ली: पंजाब में भाजपा का जाना माना चेहरा रहे और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेज दिया है।

इससे पहले सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगायी जाने लगी थीं कि वे आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं।

उन्होंने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए आठ सितंबर को अपनी नई पार्टी आवाज-ए-पंजाब की घोषणा की थी। उनके साथ हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह भी सियासी ताल ठोंकने के लिए तैयार दिखे।

पार्टी की लॉन्चिग पर उन्होंने कहा था कि आवाज-ए-पंजाब एक इंकलाबी आवाज है। हम पंजाब को बचाने के लिए आए हैं। लोगों ने पंजाब को नशे का दरिया बना दिया है, अन्न देने वाले पंजाब को भिखारी बना गया है। अब पंजाब परिवर्तन चाहता है। पंजाव में बादल परिवार और अमिरिंदर सिंह एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था, मैंने राज्यसभा से इस्तीफा केजरीवाल के साथ जाने के लिए नहीं दिया था। इस इस्तीफे से केजरीवाल का कोई लेना देना नहीं था। आम आदमी पार्टी दो दिन से मेरे पीछे पड़ी हुई थी। केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि सिद्धू ने कोई शर्त नहीं रखी है। सिद्धू ने कहा कि, केजरीवाल ने आधा सच बोला, मैं पूरा बताऊंगा। केजरीवाल मेरे घर मिलने आए थे। मैं केजरीवाल का मन टटोल रहा है, उसकी नियत समझ रहा था।

केजरीवाल ने कहा आप चुनाव मत लड़े, घरवाली को चुनाव लड़वाओ। उन्होंने मेरी पत्नी को मंत्री पद का ऑफर दिया था। केजरीवाल ने कहा कि सिर्फ चुनाव प्रचार करो। सिद्धू बोले कि जब मैंने केजरीवाल की बात अपनी पत्नी को बताई तो उसने केजरीवाल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।