नई दिल्ली। 12 साल बाद जमानत पर जेल से रिहा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और माफिया डॉन मोहम्मद शहाबुद्दीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। सरकार शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द कराने की कोशिश करेगी। शहाबुद्दीन के मामले में राज्य की नीतीश सरकार ने नीतिगत फैसला लिया है।
बता दें कि शनिवार को 12 साल के बाद जेल से रिहा होने के साथ ही शहाबुद्दीन ने कहा था कि मेरे नेता लालू प्रसाद हैं और नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं। उनके इस बयान से बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन को सीवान के बहुचर्चित तेजाब कांड में दो सगे भाइयों की हत्या के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की हत्या के मामले में पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद भागलपुर जेल से रिहा कर दिया गया था।
16 अगस्त, 2004 को सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था। इसके बाद साल 2014 में राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक राजीव रौशन के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद के बयान पर पूर्व सांसद मो़ शहाबुद्दीन के साथ उनके पुत्र ओसामा के विरुद्घ नगर थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 220/14) दर्ज कराई गई थी।
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